रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ डेयर टू ड्रीम 2.0 एवं युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्रदान किए

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 04 अक्टूबर, 2021 को नई दिल्ली में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ‘डेयर टू ड्रीम 2.0’ प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया। रक्षा मंत्री ने 40 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। इसमें 22 व्यक्तिगत श्रेणी में और 18 स्टार्टअप श्रेणी में सम्मिलित थे। उन्होंने इनोवेटर्स और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और देश में उज्ज्वल युवा मस्तिष्क को एक मंच प्रदान करने के लिए ‘डेयर टू ड्रीम 3.0’ भी लॉन्च किया।

डेयर टू ड्रीम डीआरडीओ की अखिल भारतीय प्रतियोगिता है जो भारतीय शिक्षाविदों, व्यक्तियों और स्टार्टअप्स को उभरती रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों/प्रणालियों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहन देती है। डीआरडीओ प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) योजना के तहत विजेताओं को उनके विचारों को साकार करने के लिए तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

श्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2019 के लिए डीआरडीओ युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भी प्रदान किए। 35 वर्ष से कम आयु के सोलह डीआरडीओ वैज्ञानिकों को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

‘डेयर टू ड्रीम’ और ‘डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट्स’ पुरस्कारों के विजेताओं को बधाई देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा, ये कुछ नया बनाने के लिए देश के युवाओं की ऊर्जा, उत्साह और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवाचार, डिजाइन और विकास के क्षेत्र में विजेता युवा मस्तिष्क को प्रेरित करेंगे और भविष्य में उच्च स्तरीय नवाचार करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘डेयर टू ड्रीम’ चुनौती सरकार के विजन और मिशन के साथ-साथ डीआरडीओ के जनादेश का भी प्रतिनिधित्व करती है।

रक्षा मंत्री ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया, जिसके लिए उन्होंने कहा, केवल एक सहयोगात्मक प्रयास के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने एक व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के लिए सफलता प्राप्त करने की कुंजी ‘प्रयास’ को, न केवल ‘इच्छा’ को बताया। यह कहते हुए कि भारत अनुभव और संस्कृति में सबसे पुराने देशों में से एक है और लगभग 60 प्रतिशत युवा आबादी के साथ सबसे युवा है, उन्होंने युवाओं को नए नवाचारों को देखने, सीखने और बनाने और देश को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया।
रक्षा मंत्री ने कहा, “नई तकनीकों को स्वदेशी रूप से विकसित करना समय की आवश्यकता है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की हमारी दृष्टि यह सुनिश्चित करना है कि उन्नत तकनीकों को घरेलू स्तर पर विकसित किया जाए। यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बल्कि देश के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

निजी क्षेत्र की भागीदारी को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रक्षा क्षेत्र में निजी उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई सुधारवादी कदम उठाए हैं, जिसने एक उपयुक्त विकास वातावरण और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा प्रदान किया है । उन्होंने इनमें से कुछ कदमों का ज़िक्र किया, जिनमें रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 में अधिग्रहण की नई श्रेणियां शामिल हैं; रक्षा आधुनिकीकरण के लिए एक विशिष्ट बजट का प्रावधान; दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों को अधिसूचित करना; रक्षा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाना; रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत खरीद और खरीद {भारतीय-स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित (आईडीडीएम)} को सर्वोच्च प्राथमिकता देना; सामरिक साझेदारी मॉडल के माध्यम से लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, टैंक और पनडुब्बियों सहित एक मेगा रक्षा कार्यक्रम बनाने के अवसर पैदा करना; डीआरडीओ के माध्यम से प्रौद्योगिकी के मुफ्त हस्तांतरण (टीओटी) और रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडेक्स) और प्रौद्योगिकी विकास कोष जैसी पहल के लिए रास्ते खोलना, शामिल हैं।

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