समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 16जून। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां उनके निवास कार्यालय में इंडियन मेडिकल एसोशिएसन रायपुर ब्रांच के पदाधिकारियों ने चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के ऊपर हो रही हिंसक गतिविधियों के विरोध मेें मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल ने उनकी मांगों पर सहानभुति पूर्वक विचार करते हुए केंद्र और राज्य शासन को उनकी मांगों से अवगत कराने का आश्वासन दिया और कहा कि चिकित्साकर्मियों पर असामाजिक तत्वों द्वारा किए जा रहे आक्रमण, दुर्व्यवहार जैसे घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
प्रतिनिधियों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अपने सक्रिय योगदान के बावजूद भी चिकित्सक बहुत दुखी और पीड़ा ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों देश में बहुत से चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मी के ऊपर हिंसक आक्रमण की घटनाएं सामने आई है।
प्रतिनिधियों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि द हेल्थ सर्विस पर्सनल एंड क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट (प्रोहिबिशन ऑफ वाइलेंस एंड डेमेज टू प्रापर्टी) बिल 2019, जिसके अंतर्गत ड्यूटी के दौरान डॉक्टर तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों पर आक्रमण करने वाले व्यक्ति को 10 साल की जेल की सजा का प्रावधान को तुरंत लागू किया जाए तथा इसमें आईपीसी और सीआरपीसी की धाराओं को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्रकरणों की जांच एक निश्चित समय सीमा के अंदर पूरी कर इस अपराध में शामिल लोगों को जल्द से जल्द सजा दी जाए ताकि असामाजिक तत्वों को चिकित्सा कर्मियों के ऊपर आक्रमण करने से हतोत्साहित किया जा सके। साथ ही जिन चिकित्सा कर्मियों ने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गंवाई है, उन्हें कोरोना शहीदों का दर्जा दिया जाए तथा उनकी शहादत को उचित सम्मान दिया जाए। उनके परिवारों को सरकार की ओर से उचित सहायता दी जाए। चिकित्सा संस्थानों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए तथा वहां उचित सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएं।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, छत्तीसगढ़ हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता और इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल उपस्थित थे।
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