समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: दिल्ली के निजी संस्थान श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन मैनेजमेंट, वसंत कुंज से जुड़े यौन शोषण मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में तीन महिला सहयोगियों—श्वेता शर्मा (एसोसिएट डीन), भावना कपिल (एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर) और काजल (सीनियर फैकल्टी)—को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी संस्था के संस्थापक और अध्यक्ष, स्वयंघोषित बाबा चैतन्यनंद सरस्वती (जिनका असली नाम पार्थसारथी है) के निर्देश पर छात्रों को दबाव बनाने और साक्ष्य मिटाने में शामिल थे।
पुलिस के मुताबिक, इन महिलाओं ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने बाबा के आदेश पर छात्रों पर अनुशासन और अन्य बहाने से दबाव बनाया। मामले की एफआईआर के अनुसार, बाबा ने कम से कम 17 महिला छात्रों के यौन शोषण के आरोपों का सामना किया है। वह छात्रों को देर रात अपने कमरे में बुलाते, असामयिक संदेश भेजते और कैंपस व हॉस्टल में उनकी गतिविधियों पर सीसीटीवी के माध्यम से नजर रखते थे।
चैतन्यनंद सरस्वती को रविवार को आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया और उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। पुलिस ने उनसे तीन मोबाइल फोन और एक आईपैड बरामद किया। इनमें से एक फोन के जरिए बाबा को पूरे कैंपस और हॉस्टल के सीसीटीवी तक पहुंच मिली थी। बरामद साक्ष्यों में कुछ महिला छात्रों की योग फोटो पर आपत्तिजनक टिप्पणियां भी मिलीं।
पुलिस ने बताया कि 62 वर्षीय बाबा ने अपने कृत्यों पर कोई पछतावा नहीं दिखाया। इसके साथ ही, उनके कई बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट में करीब 8 करोड़ रुपये को भी फ्रीज कर दिया गया है।
बताया गया है कि बाबा जुलाई से विदेश में थे और 6 अगस्त को भारत लौटे। उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था, ताकि वे देश छोड़ न सकें। आरोपी कथित तौर पर वृंदावन, मथुरा और आगरा के बीच टैक्सी से घूमते और बजट होटलों में ठहरते रहे, ताकि गिरफ्तारी से बच सकें।
एक पूर्व छात्र ने NDTV को बताया कि मुख्य आरोपी लंबे समय—कम से कम नौ साल से—महिला छात्रों को परेशान कर रहा था। उनका दावा है कि छात्रों के फोन उनसे छीन लिए जाते और उन्हें महंगे फोन जैसे ब्लैकबेरी या एप्पल दिए जाते, ताकि चैट और संदेश डिलीट किए जा सकें। छात्रों को परिवार या रिश्तेदारों से बात न करने का आदेश दिया जाता था।
पूर्व छात्र ने बताया, “एक दोस्त को 2016 में निशाना बनाया गया था। शुरुआत में सब सामान्य लगता था, लेकिन फिर उन्हें बताया गया कि उन्हें इंटर्नशिप के लिए विदेश और मथुरा भेजा जाएगा। केवल एक छात्रा? यह असामान्य था। छात्रा ने संदेह जताया और तीन दिन में संस्थान छोड़ना पड़ा।”
इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस मामले की और गहन जांच कर रही है, ताकि छात्रों पर हुए शोषण और साक्ष्य नष्ट करने की पूरी सच्चाई सामने आ सके।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.