दिल्ली BMW हादसा: राहगीर बोले- “जो सही लगा, वो किया”, परिवार ने उठाए सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 सितंबर: दिल्ली में रविवार को हुए भीषण BMW हादसे ने एक बार फिर राजधानी में सड़क सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुर्घटना में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों विभाग में उप सचिव पद पर तैनात नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं।

दुर्घटना धौला कुआं के पास हुई, जब एक तेज रफ्तार नीली BMW ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर मौजूद एक राहगीर, मोहम्मद गुलफाम हसन, ने घायल दंपत्ति को अपनी कार में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया।

राहगीर का बयान: “जो सही लगा, वो किया”

मोहम्मद गुलफाम हसन ने बताया कि हादसे को देखकर उन्होंने बिना समय गंवाए मदद की। उन्होंने कहा, “मैं दूसरी तरफ से आ रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई। मैंने गाड़ी रोकी, दोनों को अंदर बैठाया और उन्हें न्यू लाइफ अस्पताल, आजादपुर ले गया। लगभग आधे घंटे बाद मैं घर लौट आया। उस समय मैंने वही किया जो मुझे सही लगा। खुद उन्हीं लोगों ने कहा था कि उन्हें अस्पताल ले जाऊं।”

परिवार ने अस्पताल की दूरी पर उठाए सवाल

हालांकि, मृतक नवजोत सिंह के परिवार ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। परिवार का आरोप है कि दुर्घटना स्थल से नजदीकी अस्पतालों की बजाय पीड़ितों को 19 किलोमीटर दूर स्थित न्यू लाइफ अस्पताल ले जाया गया, जो कथित तौर पर आरोपी से जुड़ा हुआ है।

परिजनों का कहना है कि यदि उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद नवजोत सिंह की जान बचाई जा सकती थी। इस आरोप ने घटना को और विवादित बना दिया है, क्योंकि परिवार अब इसे एक सुनियोजित प्रयास मान रहा है।

पत्नी की हालत गंभीर

दुर्घटना में नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर को कई फ्रैक्चर और सिर में गंभीर चोटें आई हैं। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।

पुलिस जांच जारी

दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हादसे के लिए जिम्मेदार BMW चालक की तलाश जारी है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि कार की रफ्तार बहुत तेज थी और नियंत्रण खोने के बाद उसने नवजोत सिंह की बाइक को टक्कर मार दी।

पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है और अस्पताल से भी जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिर घायलों को वहाँ क्यों ले जाया गया।

सवालों के घेरे में सिस्टम

यह हादसा न केवल सड़क सुरक्षा बल्कि आपराधिक मामलों में प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है। परिवार का आरोप कि पीड़ितों को आरोपी से जुड़े अस्पताल ले जाया गया, मामले को और संवेदनशील बना रहा है।

जाँच एजेंसियों पर अब यह दबाव है कि वे न केवल आरोपी को पकड़ें बल्कि इस पूरे घटनाक्रम की सच्चाई भी सामने लाएँ।

 

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