समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर: दिल्ली की अदालत ने IRCTC में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। इस मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ भी संबंधित धाराओं में आरोप लगाए गए हैं।
मुकदमे की पृष्ठभूमि
IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामला रांची और पुरी स्थित दो IRCTC होटलों के टेंडर में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है। अदालत ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए।
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी और साजिश रचने के लिए आईपीसी की धारा 420 और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं। वहीं, लालू प्रसाद यादव सहित सभी आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
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अदालत के फैसले पर प्रतिक्रियाएँ
राजद नेता तेजस्वी यादव राउज़ एवेन्यू कोर्ट से बाहर निकलते हुए कहा कि वे मुकदमे का सामना करेंगे। उन्होंने अपने समर्थकों और मीडिया से अपील की कि मामले में धैर्य बनाए रखा जाए।
लालू प्रसाद यादव ने खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि अदालत में सभी तथ्य सामने आएंगे और वह न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करेंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि IRCTC टेंडर में कथित भ्रष्टाचार का मामला राजद और उसके वरिष्ठ नेताओं के लिए राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील है। इस फैसले के बाद बिहार में आगामी चुनावी मौसम में राजद को आलोचनाओं और राजनीतिक हमलों का सामना करना पड़ सकता है।
आगे की प्रक्रिया
अदालत अब सुनवाई की अगली तारीख तय करेगी, जिसमें आरोपियों को साक्ष्य पेश करने और अपनी सफाई का अवसर मिलेगा। मामले की जटिलता और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह मुकदमा ध्यान केंद्रित रखे जाने वाला हाई-प्रोफाइल मामला माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस मामले में अदालत की कार्यवाही राजद की छवि और आगामी चुनावों पर भी असर डाल सकती है। बिहार में चुनावी लड़ाई के बीच यह मामला मीडिया और जनता के बीच चर्चा का मुख्य विषय बन चुका है।
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