दिल्‍ली की एक अदालत ने सीएम केजरीवाल और सिसोदिया को जारी किया नोटिस

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 नवबर। दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर हुए हमले के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोप-मुक्त किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर दोनों नेताओं से सोमवार को जवाब तलब किए हैं।

विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने केजरीवाल, सिसोदिया और 9 अन्य को पूर्व मुख्य सचिव की याचिका पर नोटिस जारी किए. इन सभी को 23 नवंबर तक नोटिस के जवाब देने हैं. अंशु प्रकाश ने इन नेताओं को आरोप मुक्त करने के 11 अगस्त के आदेश को चुनौती दी है।

यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान अंशु प्रकाश पर कथित हमले से संबंधित है. अदालत ने केजरीवाल और सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन विधायक राजेश ऋषि, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, अजय दत्त, संजीव झा, ऋतुराज गोविंद, राजेश गुप्ता, मदन लाल और दिनेश मोहनिया को नोटिस जारी किए हैं. इस मामले में अब 23 नंवबर को सुनवाई होगी।
अंशु प्रकाश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता कुमार वैभव ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को निरस्त करने और मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के निर्देश देने का न्यायाधीश से आग्रह किया. याचिका में कहा गया है कि मजिस्ट्रेट अदालत ने अपने अगस्त के आदेश में केजरीवाल और अन्य को आरोप-मुक्त करने में त्रुटि की है।

अंशु प्रकाश ने खान और जरवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहित अतिरिक्त आरोप तय करने का भी अनुरोध किया है.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित हाथापाई से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के 9 अन्य विधायकों को बुधवार को आरोप-मुक्त कर दिया था. आप के दो विधायकों, अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया गया था. दोनों को ही उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।

यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान प्रकाश पर कथित हमले से जुड़ा है। इस घटना के बाद से दिल्ली सरकार और उसके नौकरशाहों के बीच गतिरोध उत्पन्न हो गया था।

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