दिल्ली सरकार ने किया वृद्धों के लिए ढाई हजार रुपए पेंशन का ऐलान, पहले 24 घंटे में ही आए 10 हजार आवेदन

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 नवम्बर। दिल्ली सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बड़ी राहत देते हुए ढाई हजार रुपए मासिक पेंशन योजना का ऐलान किया है। इस योजना का उद्देश्य राजधानी में वृद्ध लोगों को आर्थिक मदद प्रदान करना और उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाना है। योजना की शुरुआत के पहले 24 घंटों में ही 10,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिससे पता चलता है कि इस पहल को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है।

केजरीवाल सरकार की नई पहल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि दिल्ली में कई वृद्ध लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उनके बुढ़ापे को सम्मानजनक बनाने में सहायक होगी। योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग, जिनकी मासिक आय 20,000 रुपए से कम है, पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया हुई आसान

दिल्ली सरकार ने पेंशन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है। इच्छुक लोग ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या नजदीकी सरकारी सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र और बैंक खाता जैसे जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जा सकता है।

पहले दिन ही जबरदस्त प्रतिक्रिया

योजना की घोषणा के बाद पहले ही दिन 10,000 से अधिक लोगों ने आवेदन किया। अधिकारियों के अनुसार, यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में लाखों वरिष्ठ नागरिक इस योजना के पात्र हैं।

विपक्ष ने उठाए सवाल

हालांकि, विपक्ष ने इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने केवल चुनावी लाभ के लिए यह कदम उठाया है। बीजेपी ने दावा किया कि इससे पहले भी कई ऐसी योजनाएं शुरू की गई थीं, जिनका क्रियान्वयन अधूरा रहा।

लाभार्थियों के चेहरे पर खुशी

योजना के लाभार्थियों ने इस पहल की सराहना की है। लक्ष्मी देवी, जो एक वृद्धा हैं, ने कहा, “यह पेंशन हमें हमारे रोजमर्रा के खर्चों में मदद करेगी। पहले हमें अपने बच्चों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब हम कुछ हद तक आत्मनिर्भर बन पाएंगे।”

निष्कर्ष

दिल्ली सरकार की यह पहल वृद्ध लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसे सुचारू रूप से लागू करना और समय पर लाभार्थियों तक राशि पहुंचाना होगी। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण साबित हो सकती है।

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