दिल्ली सरकार ने DU के 12 कॉलेजों को जारी की 108 करोड़ की तीसरी किश्त, शिक्षक और छात्रों को मिलेगा लाभ
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर: दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के 12 पूर्णत: वित्तपोषित कॉलेजों के लिए ग्रांट-इन-एड की तीसरी किश्त के रूप में 108 करोड़ रुपये जारी किए हैं। यह जानकारी शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दी। इन निधियों का उपयोग शिक्षक वेतन, इंफ्रास्ट्रक्चर रखरखाव और अन्य आवश्यक संचालन खर्चों के लिए अकादमिक वर्ष 2025-26 में किया जाएगा।
साथ ही, सरकार ने इन संस्थानों की तत्काल वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 24 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए हैं। शिक्षा मंत्री ने इसे मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से शिक्षकों और छात्रों के लिए “दिवाली का तोहफा” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम उच्च शिक्षा में वित्तीय और अकादमिक स्थिरता बनाए रखने के प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
आशीष सूद ने बताया, “इस किश्त के साथ, इस वर्ष अब तक 12 पूर्णत: वित्तपोषित कॉलेजों के लिए दिल्ली सरकार कुल 325 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। हम सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी शिक्षक या छात्र को संसाधनों की कमी का सामना न करना पड़े।”
इन लाभार्थी संस्थानों में आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, केशव महाविद्यालय, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज और शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज शामिल हैं।
मंत्री सूद ने यह भी कहा कि पिछली व्यवस्थाओं ने इस तरह के ग्रांट जारी करने में देरी की थी या इसे अनदेखा किया था, जिससे कर्मचारियों और छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “जब हमने सत्ता संभाली, हमने इन कॉलेजों की वित्तीय और इन्फ्रास्ट्रक्चरल आवश्यकताओं का आकलन करना प्राथमिकता बनाया। बिना वित्तीय स्थिरता के, संस्थान सक्षम स्नातकों को तैयार नहीं कर सकते।”
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली सरकार की यह पहल न केवल विश्वविद्यालय के कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी, बल्कि शिक्षकों और छात्रों को समय पर संसाधन उपलब्ध कराने में भी मदद करेगी। इससे आगामी अकादमिक वर्ष में कॉलेजों में संचालन सुचारू रूप से सुनिश्चित होगा और छात्र अपने शैक्षणिक लक्ष्यों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
शिक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि वित्तीय स्थिरता के साथ ही कॉलेजों को नए शैक्षणिक और तकनीकी कार्यक्रमों को लागू करने में सुविधा होगी, जिससे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और छात्रों की क्षमताओं में सुधार होगा।
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