दिल्ली सरकार का ऐलान, अस्पतालों में 10-15 फीसद बेड डेंगू-चिकनगुनिया मरीजों के लिए आरक्षित

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में डेंगू के मामले लगातार बढ़े हैं. हाल के दिनों में हुई बारिश की वजह से डेंगू-चिकनगुनिया के मामलों में और इजाफा होने की आशंका है. इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को 10 से 15 फीसद बेड डेंगू-चिकनगुनिया जैसे मच्छर जनित बीमारियों से पीड़ित रोगियों के लिए आरक्षित करने को कहा है.

दिल्ली सरकार ने राजधानी में वेक्टर जनित बीमारी (VBD) के मामलों, खासकर डेंगू के बढ़ते मामलों का संज्ञान लेते हुए यह दिशानिर्देश जारी किए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में डेंगू के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पिछले महीने में, सबसे अधिक 693 नए डेंगू मामले दर्ज किए गए, और इस वर्ष अब तक वेक्टर जनित बीमारी के 937 मामले सामने आए हैं. हालांकि, अभी तक डेंगू से किसी की मौत की खबर नहीं है.

सरकार ने अस्पतालों या नर्सिंग होम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि बेड की कमी के कारण डेंगू बुखार या किसी अन्य वीबीडी से पीड़ित किसी भी मरीज को एडमिट करने से मना न किया जाए. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि जिन सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड रिजर्व हैं, वह खाली पड़े होने पर डेंगू या वीबीडी के मरीजों के लिए इस्तेमाल करें.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जिनके पास वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग भी है, उन्होंने कहा- मौजूदा मौसम की स्थिति डेंगू जैसे वीबीडी के लिए चरम संचरण अवधि है. पिछले दो हफ्तों में मामलों में तेज वृद्धि देखी गई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. अस्पतालों में मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई है. सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और पूरी स्थिति पर नजर रख रही है. अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने बेड का 10-15 प्रतिशत वीबीडी रोगियों के लिए आरक्षित करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मरीज बिस्तरों की कमी के कारण भर्ती से वंचित न रहे.

सिसोदिया ने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और निजी सहित सभी अस्पतालों में कोविड-19 मामलों के लिए लगभग 8,800 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं, जिनमें पिछले 3-4 सप्ताह से 1 प्रतिशत से भी कम पर मरीज हैं. सरकार ने अस्पतालों को भी सलाह दी है कि वे इन बिस्तरों का उपयोग वीबीडी रोगियों को भर्ती करने के लिए करें.

सिसोदिया ने कहा- पिछले साल, अगस्त से नवंबर के महीनों के दौरान डेंगू के मामलों में वृद्धि के कारण दिल्ली को कठिन समय का सामना करना पड़ा, लेकिन अस्पतालों ने इन मामलों को पूरी लगन से निपटाया. पिछले साल सामने आई स्थिति के बाद, सभी अस्पतालों और स्थानीय निकायों को बताया गया है कि वेक्टर जनित रोग मामलों से निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें.

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