समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अक्टूबर। आबकारी नीति मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राहत नहीं मिली. कोर्ट ने संजय सिंह की याचिका खारिज की. संजय सिंह ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए रिहाई की मांग की थी. कोर्ट ने कहा कि क़ानून सबके लिए बराबर है. जांच अभी शुरुआती स्टेज पर है. अभी हाईकोर्ट के दख़ल का कोई औचित्य नहीं बनता है.
इसी मामले में संजय सिंह की 13 अक्टूबर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई थी. कोर्ट ने संजय सिंह को 27 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. तीन दिन की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद 13 अक्टूबर को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया था. इससे पहले उन्हें पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया था.
संजय सिंह के वकील ने बताया था कि उन्हें डायबिटीज है और उन्हें कुछ दवाएं उपलब्ध करवाई जाएं. इसके अलावा कोर्ट ने उनकी ओर से कुछ किताबों की मांग को भी मान लिया गया.
हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मामले के संबंध में कई आरोपपत्र दायर किए हैं, लेकिन कभी भी संजय सिंह को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया. न ही उन्हें अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया. महीनों पहले सिंह ने एक्स (Twitter) पर एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें वह अपने घर के बाहर खड़े थे. उनके बगल में एक पोस्टर था, जिसमें लिखा था ‘ईडी का फक्कड़ हाउस में स्वागत है.’ इसे बीते दिन भी आप ने रिपोस्ट किया था.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, शराब नीति मामले की जांच सीबीआई और ईडी दोनों कर रही है. कोरोना काल के बीच दिल्ली सरकार ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 लागू की थी. ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और लाइसेंस के लिए रिश्वत देने वाले कुछ डीलरों का पक्ष लिया. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.
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