समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 जुलाई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें पेशेवर और सुरक्षा मानकों के उल्लंघन में अपने विमान को कथित रूप से उड़ाने के लिए स्पाइसजेट के संचालन को रोकने की मांग की गई थी।
अधिवक्ता राहुल भारद्वाज की ओर से दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की बेंच जिसका नेतृत्व चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा कर रहे थे ने कहा है कि अदालत महज पीआईएल और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर किसी एयरलाइन का परिचालन नहीं रोक सकती है।
वहीं बेंच में शामिल जस्टिस सुब्रमण्यम ने कहा कि कानून के तहत विमानन उद्योग के सुचारु नियंत्रण के लिए एक “मजबूत तंत्र” तैयार किया गया है। इस मामले में हमने विमान सेवाओं की नियामक संस्था डीजीसीए के रुख को भी देखा है।
डीजीसीए ने पहले ही इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। वर्तमान मामले में हाल के दिनों में घटित घटनाओं के संबंध में डीजीसीए (Directorage General of Civil Aviation) की ओर से स्पाइसजेट कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि इस मामले में डीजीसीए सही दिशा में कार्रवाई कर रही है इसलिए ऐसा कोई कारण नहीं बनता कि याचिकार्ता ने जो बातें कही हैं उन्हें माना जाए।
हाईकाेर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि कोर्ट किसी भी विमान सेवा प्रदाता कंपनी का संचालन सिर्फ एक पीआईएल में उठाए गए सवालों या प्रेस क्लिपिंग के आधार पर नहीं रोक सकती है।
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