समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 अगस्त: दिल्ली दुग्ध योजना (डीएमएस) ने 13 अगस्त 2025 को नई दिल्ली के पूसा स्थित एनएएससी कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गाय के दूध, सह-ब्रांडेड डेयरी उत्पादों के शुभारंभ और नए बूथ आवंटन पत्र वितरण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले दूध और डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराने में सहायक होगी, बल्कि पशुपालकों को सशक्त बनाने और ग्रामीण-शहरी डेयरी नेटवर्क को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) की सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में गाय के दूध और सह-ब्रांडेड डेयरी उत्पादों का डिजिटल लॉन्च और अनावरण किया गया, जो डेयरी सेक्टर में उपभोक्ता विश्वास बढ़ाने और गुणवत्ता मानकों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
रोजगार और ग्रामीण-शहरी जुड़ाव में नया अध्याय
इस योजना के अंतर्गत 22 नए बूथ आवंटन पत्र चयनित आवेदकों को सौंपे गए। इन बूथों के माध्यम से न केवल स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी बाजारों तक डेयरी उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी। इससे डेयरी किसानों को बेहतर बाजार पहुंच और उचित मूल्य मिलने की संभावना बढ़ेगी।
गुणवत्ता और नवाचार पर जोर
श्रीमती अलका उपाध्याय ने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि बेहतर उत्पाद पेशकश और मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों के लिए समावेशी अवसर उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने डीएमएस और हरियाणा दुग्ध महासंघ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी डेयरी उद्योग में नए मानक स्थापित करेगी और उपभोक्ताओं को शुद्ध, ताज़ा और विश्वसनीय उत्पाद उपलब्ध कराएगी।
उपभोक्ता विश्वास और ब्रांड मजबूती
गाय के दूध और सह-ब्रांडेड उत्पादों के लॉन्च से दिल्ली दुग्ध योजना की ब्रांड वैल्यू में वृद्धि होगी। सह-ब्रांडिंग के जरिए उपभोक्ताओं को विविध और गुणवत्ता युक्त उत्पादों का विकल्प मिलेगा, वहीं किसानों और डेयरी ऑपरेटरों को भी बाजार में मजबूत स्थिति हासिल होगी।
डेयरी सेक्टर के लिए बड़ा कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल डेयरी उद्योग में आधुनिक तकनीक और मार्केटिंग रणनीतियों को अपनाने की दिशा में एक उदाहरण बनेगी। बूथों के जरिए ताज़ा दूध और डेयरी उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेंगे, जिससे सप्लाई चेन में पारदर्शिता और दक्षता दोनों में सुधार होगा।
कार्यक्रम के समापन पर सभी प्रतिभागियों ने इस बात पर सहमति जताई कि डेयरी सेक्टर में नवाचार, गुणवत्ता और समावेशी विकास के लिए इस तरह की पहलें समय की मांग हैं।
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