दिल्ली पुलिस का बड़ा एक्शन: 1000 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए डिपोर्ट, सिंडिकेट का भंडाफोड़

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 30 मई: दिल्ली पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए अब तक 1000 से अधिक घुसपैठियों को डिपोर्ट कर दिया है। यह कार्रवाई दिसंबर 2024 से शुरू हुई थी, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इसमें तेज़ी आई है। दिल्ली पुलिस अब न केवल अवैध प्रवासियों की धरपकड़ कर रही है, बल्कि घुसपैठियों के नेटवर्क को तोड़ने में भी जुटी हुई है।

सिंडिकेट का खुलासा, फर्जी दस्तावेज और प्राइवेट नौकरियों तक नेटवर्क

दिल्ली पुलिस की जांच में कई ऐसे सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है जो अवैध बांग्लादेशियों को न केवल देश में प्रवेश कराने में मदद करते थे, बल्कि उन्हें जाली दस्तावेजों के ज़रिए नौकरी तक दिलाते थे। कुछ घुसपैठिए तो एयरलाइंस जैसी कंपनियों में भी काम कर रहे थे।

डिपोर्टेशन की प्रक्रिया और जिलेवार आंकड़े

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब तक 800 से अधिक अवैध बांग्लादेशियों को FRRO के सहयोग से बांग्लादेश वापस भेजा जा चुका है। लगभग 500 अन्य की पहचान की जा चुकी है और उनकी डिपोर्टेशन प्रक्रिया जारी है।

जिलेवार डिपोर्ट किए गए घुसपैठियों की संख्या:

  • उत्तरी बाहरी दिल्ली: 127

  • बाहरी दिल्ली: 99

  • उत्तरी जिला: 68

  • दक्षिण पूर्वी जिला: 64

  • दक्षिण पश्चिम जिला: 60

  • सेंट्रल जिला: 58

  • द्वारका: 48

  • रोहिणी: 15

  • पश्चिम जिला: 27

  • उत्तर पश्चिम: 31

  • शाहदरा: 6

  • पूर्वी दिल्ली: 7

  • उत्तर पूर्वी जिला: 9

  • नई दिल्ली: 4

ऐसे होती है पहचान और डिपोर्टेशन

पुलिस की टीमें उन इलाकों में रेड करती हैं जहां घुसपैठियों के छिपे होने की जानकारी मिलती है। फर्जी दस्तावेजों की जांच के बाद, अवैध रूप से भारत में रह रहे व्यक्तियों को FRRO के हवाले किया जाता है, जहां से उन्हें डिपोर्ट किया जाता है।

बांग्लादेश से दिल्ली तक का नेटवर्क

जांच में यह भी सामने आया कि ये सिंडिकेट दो स्तर पर काम करते हैं—बांग्लादेशी मॉड्यूल और भारतीय मॉड्यूल। बांग्लादेश में बैठे दलाल लोगों से संपर्क कर उन्हें पैसे लेकर बॉर्डर पार करवाते हैं। भारत में मौजूद सिंडिकेट फिर उन्हें बंगाल या असम के रास्ते दिल्ली लाकर फर्जी आईडी बनवाते और बसाने का काम करते हैं।

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