समग्र समाचार सेवा
दिल्ली/आगरा, 28 सितंबर: दिल्ली पुलिस ने शनिवार रात आगरा के एक होटल से स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती को गिरफ्तार किया। उनके पास से दो फर्जी वीज़िटिंग कार्ड बरामद हुए, जिनमें से एक में वह खुद को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत और दूसरा कार्ड उन्हें भारत का विशेष दूत तथा BRICS संयुक्त आयोग का सदस्य बताता है।
स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती, जिन्हें पार्थसार्थी के नाम से भी जाना जाता है, पर श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडियन मैनेजमेंट में पढ़ रही महिला छात्रों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है। वह रविवार को अदालत में पेश किए जाएंगे।
होटल के रिसेप्शनिस्ट भारत ने ANI को बताया,
“बाबा शनिवार को लगभग 4 बजे आए। रात के समय हमारी महिला स्टाफ ने उनका रजिस्ट्रेशन किया। उस दिन कोई उनसे मिलने नहीं आया। रात लगभग 3:30 बजे दो पुलिसकर्मी आए जो खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बता रहे थे। उन्होंने बाबा से उनके कमरे में 10 मिनट बात की और उन्हें ले गए। बाबा ने अपना नाम पार्थ सार्थी बताया।”
पुलिस के अनुसार, 4 अगस्त को वसंत कुंज नॉर्थ पुलिस स्टेशन में संस्था के एक प्रशासक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती ने EWS स्कॉलरशिप के तहत PGDM पाठ्यक्रम में पढ़ रही महिला छात्रों के साथ यौन उत्पीड़न किया।
जांच में 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने कथित रूप से आपत्तिजनक भाषा, अश्लील व्हाट्सएप/एसएमएस संदेश और अवांछित शारीरिक संपर्क के आरोप लगाए। पीड़ितों ने यह भी कहा कि संस्थान की महिला फैकल्टी और प्रशासक उनके दबाव में आकर आरोपी की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें बाध्य करते थे।
दिल्ली पुलिस ने 23 सितंबर को स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया। FIR में कहा गया है कि उन्होंने कई बार यौन उत्पीड़न और कदाचार किए। श्री शारदा पीठम, श्रींगेरी ने 2008 में जारी किए गए उनके पावर ऑफ अटॉर्नी को भी रद्द कर दिया है।
आगरा में गिरफ्तार स्वामी की गिरफ्तारी और फर्जी वीज़िटिंग कार्ड बरामदगी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है।
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