समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14 जुलाई: दिल्ली यूनिवर्सिटी की 19 वर्षीय छात्रा स्नेहा देबनाथ, जिनकी तलाश पिछले छह दिनों से जारी थी, अब इस दुनिया में नहीं रही। रविवार शाम को उनका शव यमुना नदी में गीता कॉलोनी फ्लाईओवर के पास से बरामद किया गया। स्नेहा त्रिपुरा की रहने वाली थीं और दिल्ली के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज में बीए मैथमैटिक्स की छात्रा थीं।
सिग्नेचर ब्रिज से जुड़ा आखिरी सुराग
स्नेहा ने 7 जुलाई की सुबह अपनी मां से बात की थी और कहा था कि वह अपनी दोस्त पिटुनिया के साथ सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन जा रही हैं। लेकिन उसी दिन उनका फोन बंद हो गया और फिर उनका कोई सुराग नहीं मिला। जांच में पता चला कि जिस कैब में वह बैठी थीं, उसने स्नेहा को सिग्नेचर ब्रिज के पास उतारा था, जो आत्महत्या के लिए बदनाम जगह मानी जाती है। पुलिस की टेक्निकल निगरानी में भी उनकी आखिरी लोकेशन यही पाई गई थी।
कमरे से मिला सुसाइड नोट
स्नेहा के कमरे की तलाशी के दौरान पुलिस को एक हाथ से लिखा सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने पुल से कूदने की बात कही थी। यह नोट मिलते ही पुलिस ने महरौली थाने में केस दर्ज कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। NDRF और लोकल पुलिस ने मिलकर यमुना के कई किलोमीटर तक सर्च किया और आखिरकार रविवार को शव बरामद हुआ।
अंतिम कॉल और unanswered सवाल
परिवार के मुताबिक, स्नेहा पढ़ाई में तेज और महत्वाकांक्षी थीं। आखिरी कॉल में उन्होंने मां को बताया था कि वह दोस्त के साथ जा रही हैं, लेकिन उनकी दोस्त ने दावा किया कि उस दिन कोई मुलाकात नहीं हुई। चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने एक लड़की को सिग्नेचर ब्रिज पर खड़े देखा था, जिसके बाद तलाशी तेज कर दी गई थी।
स्नेहा के अकाउंट में पिछले चार महीनों से कोई बैंक ट्रांजैक्शन नहीं हुआ था, जिससे यह सवाल उठता है कि वह दिल्ली में कैसे रह रही थीं और उनका खर्चा कौन उठा रहा था।
परिवार ने उठाए पुलिस पर सवाल
स्नेहा के परिवार ने दिल्ली पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सिग्नेचर ब्रिज आत्महत्या के मामलों के लिए कुख्यात है, फिर भी वहां CCTV कैमरे नहीं चलते। परिवार ने कहा कि जिम्मेदारी चार-पांच थानों में बंटने से समन्वय की कमी रही, जिससे स्नेहा को समय रहते ढूंढा नहीं जा सका।
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