दिल्ली वायर फ्री बिजली योजना: शालीमार बाग में पायलट प्रोजेक्ट शुरू

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12 जुलाई: देश की राजधानी दिल्ली ओवरहेड बिजली तारों से छुटकारा पाने की दिशा में एक नया अध्याय लिखने जा रही है। इसी कड़ी में शालीमार बाग़ के जनता फ्लैट्स इलाके में ओवरहेड तारों को भूमिगत करने की योजना का पहला पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसका उद्घाटन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने संयुक्त रूप से किया।

दिल्ली को मिलेगा आधुनिक और सुरक्षित बिजली नेटवर्क

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उद्घाटन अवसर पर कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट का मकसद सिर्फ बिजली आपूर्ति को मजबूत करना ही नहीं है, बल्कि शहर को सुरक्षित और सुंदर बनाना भी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में ओवरहेड तारों से हर साल दुर्घटनाओं की खबरें आती रही हैं। अब इन खतरों को खत्म कर, राजधानी को आधुनिक और व्यवस्थित विद्युत तंत्र से लैस किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उनके विज़न का हिस्सा है, जिसमें दिल्ली को वायर-फ्री बनाने और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने पर जोर है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यह मॉडल कामयाब रहा तो इसे राजधानी के अन्य इलाकों में भी जल्द लागू किया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री ने दी नई योजना की जानकारी

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने इस मौके पर कहा कि अब राजधानी को ओवरहेड तारों के जाल से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में दिल्ली में बिजली अवसंरचना पर पर्याप्त निवेश नहीं हुआ। लेकिन अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में एक मजबूत और भरोसेमंद बिजली नेटवर्क तैयार करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली के नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए बेहद जरूरी था।

टाटा पावर करेगी भूमिगत नेटवर्क का क्रियान्वयन

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पायलट प्रोजेक्ट उत्तर दिल्ली के इलाकों में बिजली आपूर्ति करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। इसके तहत पुराने ओवरहेड तारों को हटाकर भूमिगत केबल नेटवर्क बिछाया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ एक प्रयोगात्मक मॉडल नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले वक्त में इसे शहरभर में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

सरकार का लक्ष्य है कि यह स्मार्ट और सुरक्षित बिजली ढांचा भविष्य की जरूरतों को पूरा करते हुए टिकाऊ भी हो। इस परियोजना से शहरी सौंदर्य भी बढ़ेगा और नागरिकों को बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं से सुरक्षा भी मिलेगी।

 

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