दिल्ली की शिक्षा मंत्री का आरोप, ‘केंद्र का अध्यादेश केजरीवाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई शक्तियां छीनने का प्रयास है’
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 मई। दिल्ली में नौकरशाहों के तबादले संबंधी अध्यादेश का आम आदमी पार्टी की सरकार ने कड़ा विरोध किया है. केजरीवाल सरकार की तरफ से दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने शनिवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. आतिशी ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश दिल्ली की निर्वाचित सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई शक्तियां छीनने का प्रयास है. केंद्र, केजरीवाल सरकार का काम रोकने के लिए ऐसा कर रहा है. वहीं, आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र का अध्यादेश संघीय ढांचे और चुनी सरकार की शक्तियों को तार-तार करता है.
आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब था कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की शक्ति उन्हीं के पास होनी चाहिए. यही संविधान कहता है. जमीन, कानून-व्यवस्था और पुलिस के मुद्दों को छोड़कर बाकी सभी फैसले मेकिंग पॉवर अरविंद केजरीवाल के पास है और एलजी उनके सभी फैसलों को मानने के लिए बाध्य हैं. यही लोकतंत्र है. लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती. पीएम नरेंद्र मोदी इस तथ्य को बर्दाश्त नहीं कर सके कि सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को अधिकार दिया.
आतिशी ने कहा कि केंद्र सरकार यह ‘असंवैधानिक’ अध्यादेश ऐसे समय में ले आई है, जब सुप्रीम कोर्ट अवकाश के कारण बंद रहेगा. यह अध्यादेश कहता है कि दिल्ली के लोगों ने भले ही केजरीवाल को वोट दिया है, लेकिन वह दिल्ली को नहीं चलाएंगे. आतिशी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास पूरी ताकत है और यह ताकत है अफसरों की जवाबदेही, अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन लेने की ताकत है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब हुआ कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल के पास है. लैंड, लॉ-एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल की है लेकिन भाजपा से यह सहन नहीं हुआ.
Comments are closed.