आर्कटिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए डेनमार्क का बड़ा कदम: ग्रीनलैंड पर ट्रंप की नजर के बीच $2 बिलियन का निवेश

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जनवरी।
डेनमार्क ने अपनी आर्कटिक सुरक्षा को मजबूती देने के लिए $2 बिलियन (लगभग 16,500 करोड़ रुपये) के निवेश की घोषणा की है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जताई है। इस कदम को डेनमार्क की सरकार द्वारा अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

डेनमार्क का रणनीतिक निवेश

डेनमार्क सरकार ने इस विशाल रक्षा बजट को आर्कटिक क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाने और ग्रीनलैंड व फैरो द्वीप समूह की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवंटित किया है। यह बजट रडार सिस्टम, गश्ती जहाज, सैन्य अड्डों के विस्तार और साइबर सुरक्षा जैसी सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा।

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने कहा,
“आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ती भू-राजनीतिक चुनौतियों को देखते हुए हमें अपनी सुरक्षा को और मजबूत करना होगा। यह निवेश डेनमार्क, ग्रीनलैंड और फैरो द्वीप समूह की संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक है।”

ग्रीनलैंड पर अमेरिका की दिलचस्पी

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल (2017-2021) के दौरान ग्रीनलैंड को खरीदने का प्रस्ताव रखा था, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी विवाद हुआ था। हालांकि, डेनमार्क ने इस प्रस्ताव को तत्काल खारिज कर दिया था। अब, ट्रंप द्वारा 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में संभावित वापसी के बीच यह मुद्दा फिर से चर्चा में है।

ग्रीनलैंड, जो डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है, भू-राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के साथ-साथ रूस और उत्तरी अमेरिका के बीच एक रणनीतिक सैन्य बिंदु के रूप में भी देखा जाता है।

आर्कटिक में बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा

आर्कटिक क्षेत्र पर न केवल अमेरिका बल्कि रूस और चीन की भी निगाहें हैं। रूस ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में अपने सैन्य अड्डों को बढ़ाया है, जबकि चीन इसे अपनी “पोलर सिल्क रोड” नीति के तहत विकसित करने की योजना बना रहा है।

डेनमार्क का यह निवेश स्पष्ट संकेत देता है कि वह अपने आर्कटिक क्षेत्र को सुरक्षित रखने और बाहरी प्रभावों से बचाने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष

डेनमार्क द्वारा $2 बिलियन के रक्षा निवेश की घोषणा आर्कटिक क्षेत्र में बढ़ती भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का सीधा संकेत है। अमेरिका, रूस और चीन की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए डेनमार्क अपनी संप्रभुता और रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। आगामी वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आर्कटिक क्षेत्र में यह सुरक्षा रणनीति कैसे वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित करती है

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