समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18अगस्त। दिल्ली में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को ईडब्ल्यूएस कोटे के फ्लैटों में बसाए जाने के मुद्दे पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच ठन गई है. हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को साफ कर दिया था कि दिल्ली में रोहिंग्या मुसलमानों को EWS श्रेणी के फ्लैटों में बसाने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है. यही नहीं, गृह मंत्रालय ने दिल्ली के अरविंद केजरीवाल सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अवैध विदेशियों को उनके वर्तमान स्थान पर ही रखा जाए.
इस बीच आज यानी गुरुवार 18 अगस्त को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखकर रोहिंग्या मुसलमानों को EWS श्रेणी के फ्लैटों में स्थानांतरित करने के फैसले के संबंध में केंद्र का रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया है. मनीष सिसोदिया ने प्रश्न पूछते हुए कहा, हमने रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैटों में स्थानांतरित करने का फैसला नहीं है. केंद्र का कहना है कि उसने भी यह फैसला नहीं किया, तो फिर फैसला किया किसने?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को इस संबंध में जांच के आदेश देने चाहिए कि रोहिंग्या मुसलमानों को फ्लैट में स्थानांतरित करने का फैसला किसके निर्देश पर किया गया. उन्होंने कहा, न यह विषय मेरे संज्ञान में है और न ही मुख्यमंत्री को पता है. हमें इस संबंध में अखबार के जरिए पता चला. हमने अधिकारियों से पूछा तो पता चला कि कुछ बैठकें हुई हैं, जहां केंद्र सरकार के कर्मचारी मौजूद थे.
सिसोदिया ने कहा, जब इन बैठकों के संबंध में विस्तार से जानकारी चाही, तो मैंने देखा कि फाइल में केंद्र सरकार के अप्रूवल के लिए लिखा गया है. यह फाइल मुख्य सचिव के जरिए सीधे उपराज्यपाल को भेजी गई है. यह सब दिल्ली की चुनी हुई सरकार से चोरी-छिपे हो रहा है, ऐसी साजिश आखिर क्यों?
गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अवैध विदेशी रोहिंग्याओं को कानून के अनुसार उनके देश वापस भेजने तक डिटेंशन सेंटरों में ही रखा जाना चाहिए. मंत्रालय की तरफ से दिल्ली सरकार को उनके ठहरने के वर्तमान स्थल को निरुद्ध केंद्र घोषित करने का निर्देश दिया गया है.
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