डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को जलगांव एयरपोर्ट पर पायलट की ना ने किया हैरान, 45 मिनट तक फंसा रहा विमान

समग्र समाचार सेवा,

जलगांव, महाराष्ट्र, 7 जून: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को शुक्रवार रात जलगांव एयरपोर्ट पर उस वक्त एक अजीब और असहज स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उनके विमान के पायलट ने उड़ान भरने से इंकार कर दिया। शिंदे मुंबई लौटने के लिए तैयार थे, लेकिन पायलट की अचानक हुई असहमति के चलते उन्हें करीब 45 मिनट तक एयरपोर्ट पर रुकना पड़ा।

पायलट ने कहा- अब नहीं उड़ सकता!

सूत्रों के अनुसार, पायलट पिछले 12 घंटे से लगातार ड्यूटी पर था और एविएशन सुरक्षा नियमों के अनुसार, वह थकावट की स्थिति में उड़ान नहीं भर सकता था। स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी तकनीकी गाइडलाइंस का हवाला देते हुए पायलट ने शिंदे के विमान को उड़ाने से साफ इंकार कर दिया।

इस इनकार के बाद एयरपोर्ट पर अचानक सियासी हलचल तेज हो गई और स्थिति को संभालने के लिए राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों को खुद मैदान में उतरना पड़ा।

मंत्री पहुंचे समझाने, मना कर उड़ाने को किया तैयार

कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन और गुलाबराव पाटिल तुरंत पायलट से बातचीत के लिए पहुंचे। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे भी इस बातचीत में शामिल हुए। पायलट से बार-बार निवेदन और समझाइश के बाद वह उड़ान भरने को तैयार हुआ।

गिरीश महाजन ने बयान में कहा, “पायलट को कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानी थी। हो सकता है वह अपनी बात ठीक से नहीं रख पाया हो। हमने उसकी कंपनी से संपर्क कर स्थिति स्पष्ट की, जिसके बाद मामला सुलझा और विमान ने उड़ान भरी।”

सवाल खड़े करती है ये घटना

हालांकि मामला सुलझ गया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने कई महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या एक वरिष्ठ नेता का विमान इस तरह रुक सकता है? क्या सुरक्षा मानकों और पायलट की कार्यक्षमता को लेकर समय पर उचित व्यवस्थाएं नहीं की जातीं?

विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना फ्लाइट ऑपरेशन मैनेजमेंट की बड़ी खामी को दर्शाती है। पायलटों के लिए ड्यूटी आवर्स और रेस्ट पीरियड को लेकर डीजीसीए के नियम बेहद स्पष्ट हैं। ऐसे में डिप्टी सीएम जैसे वीआईपी की यात्रा के लिए इन नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी होती है।

विपक्ष के निशाने पर सरकार

इस घटना के बाद विपक्ष ने सरकार की कार्यप्रणाली और व्यवस्थाओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कुछ नेताओं ने यह भी पूछा कि क्या वीआईपी उड़ानों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की अनदेखी की जा रही है?

अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार इस पूरे मामले की आंतरिक जांच कराएगी या नहीं, और भविष्य में ऐसे वीआईपी मूवमेंट के लिए फ्लाइट क्रू मैनेजमेंट को लेकर क्या अतिरिक्त कदम उठाए जाते हैं।

 

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