स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का जीवन प्रभावित होता है : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए गेम चेंजर के रूप में प्रौद्योगिकी पर जोर दिया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,11 मार्च। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी मूल्यांकन (आईएसएचटीए), 2023 पर दूसरी अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत में जो सुविधाएं कुछ दशक पहले तक कम पाई जाती थीं, वे अब देश में प्रभागीय स्तर पर उपलब्ध हैं और उच्चतम गुणवत्ता वाली हैं।” प्रौद्योगिकी को अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए गेम चेंजर बताते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत ने दुनिया में एक उदाहरण पेश किया है, जहां लोगों को कुशल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की ‘उपलब्धता, सामर्थ्य और पहुंच’ सुनिश्चित करने के आईएसएचटीए के उद्देश्य की सराहना की। उन्होंने आयुष्मान भारत की ‘दुनिया के सबसे बड़े, अत्यधिक पारदर्शी और प्रभावशाली तंत्र’ के रूप में सराहना की, जिसने ‘आर्थिक रूप से कमजोर’ लोगों के जीवन को प्रभावी बनाने वाले स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे और संस्थानों के निर्माण को सक्षम बनाया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जन औषधि केंद्र, ई-संजीवनी और स्वच्छ भारत मिशन जैसी अन्य पहलों पर भी ध्यान दिलाया, जिन्होंने बड़े पैमाने पर लोगों के अच्छे स्वास्थ्य को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कोविड महामारी में भारत के सफल नेतृत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भारत की वैक्सीन मैत्री पहल की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि यह भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सदियों पुरानी लोकाचार की भावना है, जो दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है। उन्होंने सभी हितधारकों और वैश्विक नेताओं से स्वास्थ्य एवं खुशहाली की वैश्विक व्यवस्था को सुरक्षित करने में मदद करने के लिए उसी भरोसे और विश्वास के साथ एक साथ आने का आग्रह किया।
India is an example in the world where we have used technology for making available efficient services to the people. pic.twitter.com/JYMwGkBLsw
— Vice President of India (@VPIndia) March 10, 2023
आईएसएचटीए-2023 का आयोजन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और वैश्विक विकास केंद्र के सहयोग से किया गया था। संगोष्ठी में एक मार्केट प्लेस की मेजबानी भी की गई जिसमें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई प्रमुख एचटीए अनुशंसाओं को प्रदर्शित किया गया।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया, सदस्य (स्वास्थ्य), नीति आयोग, डॉ. वी के पॉल, भारत के उपराष्ट्रपति के सचिव सुनील कुमार गुप्ता, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग में सचिव, डॉ. राजीव बहल, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक, डॉ. रोडेरिको ओफ्रिन व भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि और 23 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
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