तिहाड़ जेल के DG संदीप गोयल को हटाया गया, ठग से 12 करोड़ वसूलने का आरोप

जेल में आतंकियों,बदमाशों,रईसों की थी बल्ले-बल्ले।

इंद्र वशिष्ठ
तिहाड़ जेल के महानिदेशक( डीजी) के पद से आईपीएस संदीप गोयल को हटा दिया गया है। दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर संजय बेनीवाल (आईपीएस1989 बैच) को तिहाड़ जेल का महानिदेशक नियुक्त किया गया है।

उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की ओर से दिल्ली सरकार के डिप्टी सेक्रेटरी (होम) शैलेश कुमार ने आज यह आदेश जारी किया है।
आईपीएस के 1989 बैच के संदीप गोयल का तबादला दिल्ली पुलिस मुख्यालय किया गया है उन्हें फिलहाल किसी पद पर नियुक्त नहीं किया गया है।

मंत्री, डीजी पर वसूली का आरोप-
जेल में बंद ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को सात अक्टूबर को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाया, कि उसने जेल मंत्री सत्येंद्र जैन को दस करोड़ रुपए और जेल के डीजी संदीप गोयल को 12.50 करोड़ रुपए दिए हैं। यह रकम प्रोटेक्शन और जेल में ऐशोआराम की सुविधाओं के लिए दी गई। संदीप गोयल ने मीडिया में इन आरोपों को झूठा बताया है।

आम आदमी पार्टी को करोड़ों-
सुकेश का आरोप है कि उसने आम आदमी पार्टी को पचास करोड़ रुपए दिए। जिसके बदले में पार्टी ने उसे राज्यसभा भेजने में मदद करने और दक्षिण भारत में महत्वपूर्ण पद देने का वादा किया था।

ठग का कच्चा चिट्ठा-
सुकेश चंद्रशेखर साल 2017 से भ्रष्टाचार के तहत और कुछ आर्थिक अपराधों के लिए दिल्ली की जेल में बंद है।
सुकेश ने खत में लिखा है कि वह 2015 से आप के मंत्री सत्येंद्र जैन को जानता है।
2017 में दो पत्ती के चुनाव चिन्ह के भ्रष्टाचार मामले में मेरी गिरफ्तारी के बाद मुझे तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था।

मंत्री ने धमकी दी-
तब सत्येंद्र जैन मुझे मिलने आए थे। उस वक्त वो जेल मंत्री थे। मुझे सतेंद्र जैन ने धमकाया कि वो 50 करोड़ के सिलसिले में अपना मुंह कही न खोले।
इसके बाद 2019 में फिर से सत्येंद्र जैन, उनके सचिव और उनके करीबी दोस्त सुशील ने जेल में मुझसे मुलाकात की और मुझसे हर महीना 2 करोड़ रुपए बतौर प्रोटेक्शन मनी के तौर पर मांग की।
सुकेश ने आरोप लगाया कि सतेंद्र जैन ने उसे ये आदेश दिया कि वो तिहाड़ जेल के डीजी जेल संदीप गोयल को भी डेढ़ करोड़ रुपए दे। उन्होंने मुझे पैसा देने के लिए मजबूर किया और लगातार दबाव के माध्यम से 2 से 3 महीने में कुल 10 करोड़ की राशि मुझसे वसूल की।

सुकेश के अनुसार सारी रकम उनके सहयोगी चतुर्वेदी के जरिए कोलकाता में ली गई थी। इस तरह सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपये और डीजी जेल संदीप गोयल को 12.50 करोड़ दिए गए।

ईडी द्वारा हाल की जांच के दौरान, मैंने डीजी जेल और डीजी और जेल प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे रैकेट के बारे में भी खुलासा किया था और सीबीआई जांच की मांग करते हुए दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय में एक रिट भी दायर की, जहां कोर्ट ने नोटिस जारी किया।
मंत्री सत्येंद्र जैन जो अभी जेल-7, तिहाड़ में बंद है। वह मुझे डीजी जेल और जेल प्रशासन के माध्यम से धमकी दे रहा है। मुझे उच्च न्यायालय में दायर शिकायत वापस लेने के लिए कह रहा है। मुझे गंभीर रूप से परेशान किया गया है और धमकी दी गई है।
जांच एजेंसी को मेरी शिकायत पर मामला दर्ज करने का निर्देश दें। मैं इस सिलसिले में सारे सबूत देने को तैयार हूं।

महाठग सबूत दे-
सुकेश ने आरोप तो गंभीर लगा दिए लेकिन सिर्फ़ आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है सुकेश को करोड़ों रुपए देने के अपने आरोप को साबित करने के लिए ठोस सबूत भी देने चाहिए। वरना सुकेश जो खुद एक शातिर महाठग है। उसकी बात पर जरा भी भरोसा नहीं किया जा सकता है।
दूसरी ओर उप-राज्यपाल और जांच एजेंसियों की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि एक तय समय सीमा के भीतर इन गंभीर आरोपों की ईमानदारी से जांच कराई जाए ताकि जल्द से जल्द सच्चाई सामने आ सके।

संदीप गोयल को पहले क्यों नहीं हटाया?
तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने सुकेश से करोड़ों रुपए लिए या नहीं यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन संदीप गोयल को जेल डीजी के पद से तो बहुत पहले ही हटा दिया जाना चाहिए था। संदीप गोयल पेशेवर रुप से तो नाकाबिल बहुत पहले ही साबित हो गए थे।
तिहाड़ जेल में संदीप गोयल के कार्यकाल के दौरान के अनेक बड़े संगीन मामले ही उनकी काबिलियत पर सवालिया निशान लगाने के लिए पर्याप्त थे।
ऐसे मामलों की एक बानगी पेश है।-

जेल में बैठ कर 200 करोड़ ठगे-
रोहिणी जेल में बंद बेंगलुरु के सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में बैठे बैठे फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह के साथ ठगी कर 200 करोड़ रुपए वसूल लिए। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गिरफ्तार शिविंदर सिंह को जमानत दिलाने में मदद के नाम पर रकम वसूली।

जेल अफसरों ने करोड़ों वसूले-
स्पेशल सेल को सुकेश के बैरक से दो महंगे मोबाइल फोन, महंगे मिनरल वाटर की बोतलें, बीस से ज्यादा कंबल और तख्त मिला था।
सुकेश जेल में ऐशोआराम का जीवन बिताने और सुविधाओं के लिए जेल के अफसरों को करोड़ों रुपए हर महीने देता था।
जेल के अफसरों ने ना सिर्फ सुकेश को ऐशो-आराम वाली सुविधाएं मुहैया कराईं, बल्कि जेल बैरक में ऐसा इंतजाम किया, जहां वह सीसीटीवी की नजर मेंं न आए।

80 अफसरों की सांठगांठ-
जेल के अस्सी से ज्यादा अफसरों के खिलाफ इस सिलसिले में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इन अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए उप-राज्यपाल ने हाल ही में मंजूरी भी दे दी है। सुकेश ने ठगी की रकम में से करोड़ों रुपए फिल्म अभिनेत्रियों जैकलीन फर्नांडिस आदि पर लुटा दिए।

जैकलीन पर करोड़ों लुटाए।
सुकेश चंद्रशेखर ने जैकलीन पर पानी की तरफ पैसा बहाया। उस पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च किए। गोल्ड और डायमंड ज्वेलरी, इंपोर्टेड क्रॉकरी दी। 52 लाख रुपये का एक घोड़ा दिया।चार पर्शियन बिल्ली भी गिफ्ट की। एक बिल्ली की क़ीमत 9 लाख रुपये है। यही नहीं, जैकलीन के लिए सुकेश ने उसे चार्टर्ड प्लेन से मुंबई से दिल्ली बुलाया और फिर दिल्ली से चेन्नई के लिए भी चार्टर्ड फ्लाइट ही बुक की। दोनों चेन्नई के अलग-अलग महंगे होटलों में रुके। दोनों के बीच तीन से चार बार मुलाकात हुई।

तिहाड़ जेल में आतंकियों,बदमाशों,रईसों की बल्ले-बल्ले।
सबसे खतरनाक और चौंकाने वाली बात यह है कि दूसरे राज्यों की जेलों में बंद बदमाशों को तिहाड़ जेल की “मेहमान नवाजी” और ऐशो आराम की “सुविधाएं” इतनी पसंद आ रही हैं कि वे इस जेल में ही आने के लिए अपराध तक कर रहे हैं।
स्पेशल सेल और अपराध शाखा के अफसरों का कहना हैं कि सरगना तिहाड़ जेल से ही गिरोह चला रहे हैं। मोबाइल फोन के जरिए वह जेल में बैठे लगातार अपने गिरोहों के संपर्क में रहते हैं। वहीं से जबरन वसूली/रंगदारी, भाड़े पर हत्या और अपने दुश्मनों को ठिकाने लगवा रहे हैं।

जेल अफसरों की भूमिका पर सवाल-
पुलिस अफसरों का यह कहना ही तिहाड़ जेल के तत्कालीन महानिदेशक संदीप गोयल, सुपरिटेंडेंटो / जेलरों आदि की भूमिका और काबिलियत पर सवालिया निशान लगाने के लिए पर्याप्त है।
जाहिर सी बात है कि जेल में बंद बदमाशों को मोबाइल फोन या अन्य सुविधाएं कोई मुफ्त में तो उपलब्ध कराई नहीं जाती। इसके लिए बदमाशों द्वारा जेल के कुछ भ्रष्ट अफसर/कर्मचारियों को रिश्वत दी जाती हैं।

बदमाशों की पसंदीदा जेल-
तिहाड़ जेल को अतिसुरक्षित जेल कहा जाता है लेकिन जेल के कुछ भ्रष्ट अफसरों ने जेल को बदमाशों के लिए अतिसुरक्षित, ऐशो आराम की सुविधाओं से सम्पन्न पसंदीदा जेल बना दिया है। बदमाशों को मोबाइल फोन के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाती हैं। जेल में होने के कारण इन बदमाशों की जान अपने दुश्मनों से भी सुरक्षित रहती है। क्योंकि जेल से बाहर होने पर तो इन बदमाशों को अपने दुश्मन गिरोहों से जान का खतरा बना रहता। पुलिस और दुश्मनों से अपनी जान बचाने के लिए लगातार भागना-छिपना पड़ता है। जेल में वह आराम से अपना समय बिताने के साथ-साथ बेखौफ होकर वहीं से अपने गिरोहों को चलाते हैं।

तिहाड़ जाने के लिए अपराध-
तिहाड़ जेल कुख्यात बदमाशों की पसंदीदा जेल बन गई है। दूसरे राज्यों की जेलों में बंद बदमाश
तिहाड़ जेल में आने के लिए दिल्ली में अपराध तक करवा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस ने कुछ समय पहले रंगदारी के लिए गोलियां चलाने वाले गुरुग्राम के कौशल गिरोह के बदमाशों को पकड़ा। इन बदमाशों ने बताया कि हिसार जेल में बंद कौशल तिहाड़ जेल में आने के लिए दिल्ली में वारदात करवा रहा है। कौशल तिहाड़ पहुंचने के अपने इरादे में कामयाब हो गया।

आतंकवादी के पास मोबाइल-
25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो में जिलेटिन मिलने के बाद आतंकी गिरोह जैश उल हिंद ने जिलेटिन रखने का दावा किया था। हालांकि कुछ घंटे बाद जैश उल हिंद के नाम से एक और मैसेज आया और दावा किया कि उनके संगठन के नाम से भेजा गया मैसेज फर्जी है।

तिहाड़ जेल कनेक्शन-
11 मार्च को मुंबई पुलिस की सूचना पर स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल में छापा मारा और वहां से इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े तहसीन अख्तर के पास से कुछ मोबाइल जब्त किए। इन्हीं मोबाइल में से किसी एक से जैश उल हिंद वाला मैसेज किया गया था। हालांकि जैश उल हिंद वाली गुत्थी अभी तक सुलझी नहीं है। ।

संजय चंद्रा से सांठगांठ-
सुप्रीम कोर्ट ने 6 अक्टूबर2021 को तिहाड़ जेल के अनेक अधिकारियों को निलंबित करने और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया । जेल के अफसरों की सांठगांठ से यूनिटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ मे बंद संजय और अजय चंद्रा जेल के भीतर से ही जांच को प्रभावित करने के साथ ही अपना कारोबार भी चला रहे थे। यह पता चलने पर अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने संजय और अजय चंद्रा को मुंबई की आर्थर रोड जेल और तलोजा जेल में अलग-अलग रखने के लिए स्थानांतरित कर दिया था।।

(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)

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