कांग्रेस के हिंदू विरोधी टूलकिट से आपको दुख नहीं हुआ?

संदीप सिंह।
कांग्रेस के हिंदू विरोधी टूलकिट से आपको दुख नहीं हुआ?

जेहादी शर्जिल उस्मानी के बयान “जय श्री राम बोलने वाले हिंदू आ@तंकवादी# हैं” की बात पर भी दुख नहीं हुआ?
रोहित सरदाना के मौत पर जश्न मनाने वाले जे£हादी£ शार्जील इमाम के बयान से आपको दुख नहीं हुआ ना?

बधाई हो आप स्वघोषित हिंदू बुद्धिजीवी हैं!!

आपने इनके खिलाफ एक शब्द नहीं कहा ना? ऐसा करके आपको बुद्धिजीवी वर्ग में मेडल मिलेगा है ना? या शांति पुरस्कार? या शायद आपको भाईचारे का मेडल मिल जाए है ना? या कहीं किसी “मुसलमान मित्र” को अघात ना हो जाए है ना? या आपके मु#सलमान बिजनेस पार्टनर के साथ संबंध ना खराब हो जाएं है ना?

लेकिन आपको अपने भाइयों के खुलकर “जय श्री राम” बोलने से और हिंदुत्व का सहयोग करने से पीड़ा होती है? वो आपको क#ट्टर मालूम पड़ते हैं? आप उनको खुलकर सहयोग नहीं कर सकते, है ना? वो आपकी छवि को धूमिल कर देंगे है, है ना? आप शर्माते हैं, है ना?

काश आपको थोड़ी शर्म और होती और आप चुल्लू भर पानी में डूब ही मरते !!

जिन स्वघोषित बुद्धिमान हिन्दुओं को ये लगता है कि “जय श्री राम” खुलकर बोलने वाले धर्मपरायण हिन्दुओं – बजरंग दल/संघ/संगठन या मजबूत हिंदुत्व वाली विचारधारा के लोगों के कारण हिंदुत्व और सनातन खतरे में आता है; विश्वास करें, आपका चुप रहना और स्वघोषित धर्मनिरपेक्ष भेड़ियों के झुंड को अपनी चुप्पी से जाने अंजाने में स्वतः समर्थन देने से सनातन/हिंदुत्व खतरे में आता है।

“कट्टर” शब्द राक्षशों/सुवरो के द्वारा नहीं बल्कि आप जैसे स्वघोषित धर्मनिरपेक्ष हिंदू बुद्धिजीवियों के द्वारा दिया गया एक ताज है जो राक्षसी/सुवरी जाति के सर से उठाकर अपने सनातनी/हिंदू भाई को आपने पहना दिया, क्यूंकि आप कायर हैं आप डरते हैं कि आपके भाईचारे वाले गुब्बारे की हवा ना निकल जाए।

जिन स्वघोषित हिन्दुओं को ये लगता है कि खुलकर हिन्दुओं और सनातन का समर्थन करने से उनके बिजनेस और काम में व्याधा उत्पन्न होती है, विश्वास करिए आपके पूर्वजों ने घास की रोटियां खाकर, सारा राजपाट त्यागकर आपको हिंदू बनाए रखा। अगर आज उन्होंने ये बलिदान नहीं दिया होता तो आप कहां होते?

जिन स्वघोषित बुद्धिमान हिन्दुओं को ये लगता है कि खुलकर हिन्दुओं और सनातन का समर्थन करने से भाईचारे की छवि पर धब्बा लग जाएगा, विश्वास करिए जब आप अपने ही हिंदू “भाई” के समर्थन में नहीं आएंगे तो जो आपको ” चारा” समझते हैं वो क्या आपका साथ देंगे?

जिन स्वघोषित बुद्धिमान हिन्दुओं को ये लगता है कि सिर्फ उनके है तर्क सही हैं, ये धरातल पर कार्य करने वाले और शान से भगवा ओढ़ने वाले संगठन/बजरंग दल/संघ जैसे हिंदुत्ववादी विचारधारा के लोग गलत हैं और सिर्फ उनकी बौद्धिक क्षमता ही सही है; विश्वास करें अगर बंगाल में आज ऐसे संगठन को आपका साथ मिला होता तो वहां से एक लाख से अधिक हिंदू परिवार पलायन नहीं किए होते! वैसे ही संगठन अगर कश्मीर में धरातल पर होते तो आज तक वहां से पलायन किए हुए हिंदू घर लौटने का सपना नहीं देख रहे होते!

आईएएस/आईपीएस/नेताओं ने सिर्फ बौद्धिक स्तर पर ही कार्य करते हुए 10 राज्यों से हिन्दुओं को खत्म कर दिया !

सिर्फ बौद्धिक क्षमता से ही सबकुछ होता तो “बल, बुद्धि, विद्या देहु मोहे/धर्मस्य हिंसा तथैव च” जैसे श्लोक ना बनाए गए होते हमारे धर्म मे !!

इतिहास में हमने अपना अस्तित्व अपनी अस्मिता अपनी नारी शक्ति को बचाने, अपनी पीढ़ियों को बचाने, अपनी पहचान को बचाने के लिए किससे लड़ाई लड़ी है, कौन आपका दुश्मन 1000 वर्षों से रहा है ये सब नजरअंदाज नहीं कर सकते। हमारे पुरखों ने धर्म के लिए कितना संघर्ष किया है इसको भूल नहीं सकते, जो भूलेंगे वो अपने पूर्वजों का अपमान करेंगे, वो अपने धर्म का अपमान करेंगे।

जो समाज अपने शत्रु को नहीं पहचानता, उसकी कुटिलता, शत्रु की विभत्स सोच, शत्रु की निर्दयता के बावजूद उसी शत्रु की नजरों में पहचान, सम्मान और खुद के महान होने का प्रमाण ढूंढता है , उस समाज का पतन, विनाश, क्षरण निश्चित है।

शत्रु बोध का अभाव हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हैं।

हर प्रकार के हिंदुत्व का सम्मान करना सीखिए, हर एक व्यक्ति, हर एक स्तर पर अपने धर्म के लिए जो कार्य कर रहा है वो सही कर रहा। फाइव स्टार में बैठकर, दो पेग लगाते हुए ” अरे ये बजरंग दल वाले, अरे ये सुतिए संगठन वाले” ऐसे कॉमेंट करने से ना आप अच्छे विचार वाले बन जाते हैं ना ही धर्मनिष्ठ और आप अपने भाईचारे वाले दो भाइयों के साथ वो पेग लगाते हुए कूल दिख तो जाते हैं लेकिन कितनी मजबूत और फौलादी इरादों वाले विचारधाराओं में एक खोखलापन का बीज डाल देते हैं जो ये सोचने पर मजबूर हो जाता है कि ” हम ही धर्म का जिम्मा क्यूं उठाएं?” !!

अगर आपके पास इस प्रश्न का उत्तर मिले तो बताना🙏🏻

जय श्री राम 🚩

साभार,
संदीप सिंह

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