दिग्विजय सिंह को बीजेपी नेता द्वारा मानहानि के मामले में मिली बेल, बोले- मुझ पर 4 राज्यों में प्रकरण चल रहे हैं

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 4 फरवरी।कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को भोपाल की एक विशेष अदालत ने बीजेपी नेता वीडी शर्मा द्वारा दायर मानहानि के मामले में शनिवार को जमानत दे दी. बेल मिलने के बाद एमपी के पूर्व सीएम ने कहा, मुझ पर 4 राज्यों में मानहानि के प्रकरण चल रहे हैं, क्योंकि इनके पास कुछ और नहीं है. मैंने अपनी जमानत करा ली.इस प्रकरण में तो हमारी सीबीआई की जांच की मांग भी स्वीकार हुई है. लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो आरोपी हैं, आज तक उनको शिवराज सरकार ने हटाया नहीं है.

सिंह के वकील अजय गुप्ता ने बताया कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों से निपटने वाली अदालत ने 2014 में दायर मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता को राहत दी. सिंह को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था.

व्यापमं घोटाला तत्कालीन मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम), एक पेशेवर परीक्षा बोर्ड द्वारा संचालित सरकारी कॉलेजों और नौकरियों के लिए चयन प्रक्रिया में कथित हेरफेर से संबंधित है. इसमें उम्मीदवारों के कथित प्रतिरूपण, बड़े पैमाने पर नकल और अन्य कदाचार शामिल थे. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह चार राज्यों में मामलों का सामना कर कर रहे हैं.

दिग्विजय सिंह ने कहा, अदालत ने मुझे जमानत दे दी है. मैंने ये सभी पत्र (कागज लहराते हुए) 2014-15 में लिखे हैं… (व्यापमं घोटाले में) सीबीआई जांच की हमारी मांग मान ली गई थी. मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अब तक (व्यापमं) आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. वे अभी भी सरकारी आवास में रह रहे हैं.

सिंह ने चौहान के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार पर “बिचौलियों” के माध्यम से भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया. भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने 2014 में सिंह द्वारा व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

शर्मा ने शनिवार को कहा कि उनके मानहानि मामले में अदालत ने दिसंबर 2022 में सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला (आईपीसी की धारा 500 के तहत) दर्ज करने का आदेश दिया था. शर्मा ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि सिंह शेखी बघार रहे हैं कि उन पर चार राज्यों में मुकदमे चल रहे हैं.

शर्मा ने कहा, मध्य प्रदेश 2003 से पहले दिग्विजय सिंह के तहत एक बीमारू (पिछड़ा) राज्य था. चौहान गरीबों के कल्याण और राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं. हम उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते जो लोग कांग्रेस नेता (सिंह) के लिए इस्तेमाल करते हैं. पूरा देश जानता है कि बिचौलिए कौन हैं.

शर्मा ने 2016 में नियंत्रण रेखा के पार भारत के सर्जिकल स्ट्राइक की प्रामाणिकता पर सवाल उठाने वाली सेना की हालिया टिप्पणी के संदर्भ में सिंह पर सेना पर सवाल उठाने का भी आरोप लगाया. 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली थी. व्यापमं का नाम अब मप्र कर्मचारी चयन बोर्ड रखा गया है.

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