पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले के पिता की निराशा: महाराष्ट्र सरकार की पुरस्कार राशि पर उठे सवाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,8 अक्टूबर। पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने वाले स्वप्निल कुसाले के पिता सुरेश कुसाले ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनके बेटे को दिए जाने वाले दो करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में खिलाड़ियों को इससे कहीं अधिक राशि दी जाती है, जो कि एक बड़े सम्मान का प्रतीक है।

स्वप्निल कुसाले की उपलब्धि

29 वर्षीय स्वप्निल कुसाले ने अगस्त में पेरिस ओलंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश में खेल प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया। स्वप्निल की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस स्तर पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पुरस्कार राशि पर निराशा

स्वप्निल के पिता सुरेश कुसाले ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने उम्मीद की थी कि महाराष्ट्र सरकार अपने खिलाड़ियों को मान्यता देने के लिए अधिक पुरस्कार राशि देगी। हरियाणा अपने खिलाड़ियों को अच्छी-खासी राशि देती है, जबकि हम केवल दो करोड़ रुपये पर निर्भर हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके बेटे को पांच करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि और पुणे के बालेवाड़ी में छत्रपति शिवाजी महाराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास एक फ्लैट मिलना चाहिए।

खेलों में निवेश का महत्व

सुरेश कुसाले ने खेलों में सरकार के निवेश और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “अगर हमें अपने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना है और उन्हें और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाना है, तो सरकार को उचित पुरस्कार राशि देने पर विचार करना चाहिए। खिलाड़ियों की मेहनत को सही मान्यता मिलनी चाहिए।”

सामाजिक और आर्थिक पहलू

खेलों में सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक पहलुओं को भी प्रभावित करती है। पुरस्कार राशि खिलाड़ियों के लिए न केवल एक प्रोत्साहन होती है, बल्कि यह उनके परिवारों के लिए भी आर्थिक सुरक्षा का एक साधन बनती है। इसलिए, सुरेश कुसाले की यह मांग कि पुरस्कार राशि बढ़ाई जाए, वास्तव में खिलाड़ियों के संघर्ष और समर्पण को सही तरीके से मान्यता देने की आवश्यकता को दर्शाती है।

निष्कर्ष

स्वप्निल कुसाले की पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने की उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। लेकिन उनके पिता द्वारा उठाई गई बातें यह दर्शाती हैं कि खेलों में पुरस्कार राशि और सम्मान का महत्व कितना बड़ा है। अब यह देखना होगा कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या वे अपने खिलाड़ियों के प्रति सम्मान और मान्यता बढ़ाने के लिए आगे आएंगे। खेलों में आगे बढ़ने के लिए सही प्रोत्साहन और समर्थन अत्यंत आवश्यक है, ताकि युवा खिलाड़ी अपने सपनों को साकार कर सकें।

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