समग्र समाचार सेवा
पटना,12नवंबर।
बिहार में हार के बाद कांग्रेस में अंतर्कलह की शुरुआत हो गई है। पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर पार्टी के अंदर ही बागी सुर उठने लगे हैं। महागठबंधन का कोई अन्य दल नहीं, बल्कि खुद कांग्रेस के ही नेता बिहार में हार के लिए अपनी ही पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार नहीं बनने पर पार्टी के बड़े नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस को जिम्मेवार माना है।
बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद महागठबंधन कभी ईवीएम को दोषी बता रहा है तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन इस सबके बीच अब महागठबंधन की हार का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा जाने लगा है। महागठबंधन की हार के पीछे पार्टी के कमजोर प्रदर्शन को ही मुख्य कारण माना जा रहा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने गुरुवार को ट्वीट कर इन बातों का जिक्र करते हुए आला नेताओं को आत्म मंथन की सलाह दी है।
तारिक अनवर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमें सच को स्वीकार करना चाहिए। कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के कारण महागठबंधन की सरकार से बिहार महरूम रह गया। कांग्रेस को इस विषय पर आत्म चिंतन जरूर करना चाहिए कि उस से कहां चूक हुई? MIM की बिहार में इंटरी शुभ संकेत नहीं है।
बता दें कि कांग्रेस ने इस बार बिहार में 70 सीटों से चुनाव लड़ा था, लेकिन 19 सीट ही जीत पाई, जबकि 2015 के चुनाव में कांग्रेस ने 25 सीटें जीती थीं। ऐसे में महागठबंधन को इस खराब प्रदर्शन का बहुत बुरा खामियाजा भुगतना पड़ा और वह सरकार बनाने से वंचित रह गया। तेजस्वी यादव मात्र 0.03 फीसदी वोटों के अंतर से ही मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।
इधर दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के दावेदार रहे ऋषि मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की वजह से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नहीं बन सके हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा खुद मिथिलांचल की राजनीति करते हैं, लेकिन वहां की 30 सीटों पर कांग्रेस एक भी चुनाव नहीं जीती है।
ऐसे में उन्हें मिथिलांचल से हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बता दें कि कांग्रेस ने जाले सीट से दावेदार मिश्रा की बजाए मशकूर अहमद उस्मानी को टिकट दिया था। मशकूर के जिन्ना कनेक्शन के बाद सत्ता पक्ष के नेता लगातार कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रहे थे। जाले से भाजपा के जीबेश कुमार चुनाव जीते हैं।
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