अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच विवाद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच 28 फरवरी को ओवल ऑफिस में हुई बैठक के दौरान हुआ विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। इस घटना ने पश्चिमी देशों के एकजुटता और यूक्रेन को रूस के खिलाफ समर्थन देने की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

विवाद और उसके तात्कालिक परिणाम

इस तनावपूर्ण बैठक में ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की पर अहसानफरामोश और शांति के लिए तैयार न होने का आरोप लगाया। वहीं, ज़ेलेंस्की ने रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन की स्थिति का बचाव किया। ट्रम्प ने बैठक अचानक समाप्त कर दी और ज़ेलेंस्की को जाने के लिए कह दिया। इसके अलावा, अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज संसाधनों पर हुआ एक महत्वपूर्ण समझौता रद्द कर दिया गया, और ट्रम्प यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता को भी रोकने पर विचार कर रहे हैं।

 

ज़ेलेंस्की ने इस विवाद पर फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें इस पर पछतावा नहीं है, लेकिन यह घटना दोनों पक्षों के लिए अच्छी नहीं थी। उन्होंने शांति की इच्छा जताई, लेकिन सुरक्षा गारंटी और रूसी आक्रमण को मान्यता देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

सहयोगियों और आलोचकों की प्रतिक्रिया

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने यूक्रेन को समर्थन देने की पुष्टि की है। मैक्रॉन ने रूस को “आक्रामक” बताया, जबकि यूरोपीय राजनयिक काजा कल्लास ने अमेरिकी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि “स्वतंत्र दुनिया को एक नए नेता की आवश्यकता है।”

 

इस घटना पर अमेरिकी राजनीति में भी विभाजन नजर आया। डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प पर आरोप लगाया कि वे यूक्रेन को कमजोर करने और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। वहीं, कुछ रिपब्लिकन्स, जैसे सीनेटर लिंडसे ग्राहम, ने ज़ेलेंस्की के व्यवहार की आलोचना की है।

 

रूस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें मॉस्को ने ज़ेलेंस्की को “कोकेन का जोकर” बताया और रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने ट्रम्प की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने यूक्रेनी नेता को “सच बोला।”

 

सैन्य संदर्भ और हानि

विवाद के दिन ही यूक्रेन ने कुर्स्क क्षेत्र में 220 से अधिक सैनिकों और कई सैन्य उपकरणों को खो दिया, जो युद्ध की गंभीरता को दर्शाता है। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बैठक के दौरान यूक्रेन की सैन्य भर्ती में आ रही कठिनाइयों का जिक्र किया, जिसे ज़ेलेंस्की ने अमेरिका की भौगोलिक सुरक्षा का हवाला देकर खारिज कर दिया।

 

भविष्य के प्रभाव

यह विवाद अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों के बीच मतभेदों को और गहरा कर सकता है। यूरोपीय देश ट्रम्प की नीति से दूरी बना रहे हैं, और ब्रिटेन यूक्रेन के भविष्य पर चर्चा के लिए एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है, जहां ज़ेलेंस्की को अधिक समर्थन मिलने की संभावना है।

 

इसके साथ ही, ट्रम्प की व्यावसायिक नीति यूक्रेन को मिलने वाले पश्चिमी समर्थन को कमजोर कर सकती है, जिससे रूस को फायदा हो सकता है। ज़ेलेंस्की ने ट्रम्प के साथ संबंध सुधारने की उम्मीद जताई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे इसमें सफल होंगे।

 

यह संकट अमेरिका और यूरोप के बीच एकजुटता की कमजोरी और ट्रम्प की विदेश नीति के गंभीर परिणामों को उजागर करता है।

लेखक परिचय –
श्री आलोक लहड़ —(इसे स्पेलिंग ठीक कर लेना)
यूरोपीय देश स्पेन स्थित भारतीय -स्पेनिश वरिष्ठ पत्रकार है ।
श्री आलोक समग्र भारत मीडिया समूह के सलाहकार संपादक-(यूरोप) हैं ।पिछले २० से ज़्यादा वर्षों से स्पेन के बार्सिलोना शहर में रहते हैं

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