अयोध्या से दूरी, विपक्ष की कैसी मजबूरी ?

22 जनवरी 2024-भारत की धार्मिक आज़ादी का दिन!!

*कुमार राकेश
*कुमार राकेश

*कुमार राकेश

श्रीराम नगरी ,अयोध्या को लेकर भारत की राजनीति में अभी भी कोहराम मचा हुआ हैं.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के साथ पूरा विश्व आनंदित हैं जबकि विपक्षी दलों में  भ्रम की स्थिति बनी हुई हैं .उनके सभी पुराने दाँव उलटे पड़ने लगे हैं.वे सभी दल अपने बुने जाल में ही बुरी तरह उलझ गए हैं.उनको इस अयोध्या महिमा सागर से निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा हैं.वे नेता अब राम राम कहते दिखने लगे हैं.जिन्हें कभी अयोध्या जाने में तथाकथित कई रोगों व बहानो का सहारा लेना पड़ता था,आज वो निमत्रण नहीं मिलने से बेचारे व मायूस से दिख रहे हैं.

करीब पांच सौ वर्षो के धार्मिक गुलामी के बाद 22 जनवरी 2024 अब भारत के लिए धार्मिक आज़ादी का दिन होगा.अयोध्या में श्री राम जन्म मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पूरा विश्व खुश है.इससे  सभी गदगद है.प्रफुल्लित हैं.आनंदित है .बम बम है.सभी इसे धार्मिक आज़ादी का नाम दिया जा रहा हैं,जबकि 1947 में भारत को राजनीतिक आज़ादी ही मिली थी.

इसके बावजूद कांग्रेस  सोनिया गाँधी ,मल्लिकार्जुन खरगे ,अधीर रंजन चौधरी के साथकई  विपक्षी नेताओ ने अयोध्या निमंत्रण को नकार दिया है.इससे उनके पुराने पापों की संख्या बढ़ने की आशंका हैं .हालाँकि उत्तर प्रदेश के कुछ नेताओ ने 15 जनवरी को अयोध्या जाकर अपने वरिष्ठो के पापों को कम करने की कोशोश करते दिखे हैं.

श्री राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण के परिपेक्ष्य में कांग्रेस के पूर्व नेता और मशहूर लेखक कुंवर नटवर सिंह की 2014 में प्रकाशित एक पुस्तक “एक जिंदगी काफी नहीं” (OneLifeisnotEnough) एक बार फिर काफी चर्चा में हैं.उस पुस्तक में पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी के देश के आक्रान्ता बाबर प्रेम का विस्तारपूर्वक जिक्र हैं.पुस्तक मेंश्री सिंह ने अफ़ग़ानिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के बाबर के मज़ार दौरे का जिक्र किया है-जिसमे इंदिरा गाँधी ने उस मज़ार पर जो शब्द कहे थे,उसको श्री सिंह ने शब्दशः उद्धृत किया है-उसके अनुसार इंदिरा जी ने कहा था हम आपके वंशज है .आपके वारिस हैं.भारत आपके वंशज के हाथों सुरक्षित हैं.ये सुनकर नटवर सिंह अन्दर से हिल गए थे.वैसे भी ये के तथ्य है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु भी 1959 में तो कांग्रेस के नए नेता राहुल गाँधी 2005 में बाबर के मज़ार पर माथा टेकने गए थे.गौरतलब हैं किअयोध्या के श्री रामजन्म भूमि मंदिर को तोड़कर  बाबर ने  एक मस्जिद बनाया था.वैसे ये भी एक ऐतिहासिक तथ्य हैं कि भारत के ज्यादातर मस्जिदों की आज खुदाई की जाये तो वहां मंदिर ही मिलेंगे.

इन तथ्यों पर आप किसी भी कांग्रेसी नेताओ से बात करे तो उनकी घिघी बंध जाती है.मुंह से आवाज़ ही नहीं निकलती.उस सवाल को ताल कर विभिन्न प्रकार की टिप्पणियां करने लग जाते हैं.शायद इन्ही तथ्यों के मद्देनज़र किसी ने ठीक ही लिखा है -सांच को आंच क्या?

श्रीराम जन्म भूमि मंदिर पर कांग्रेस के साथ सभी विपक्षी दलों की  स्थिति आजकल देखते ही बन रही हैं.तरह तरह के तर्क गढ़ कर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा को घेरने की कोशिश कर रहे हैं,लेकिन वे अब मायूस  से हो गए हैं.आप विपक्ष के नेताओं की टिप्पणियां सुन कर कई प्रकार की आनंद की अनुभूति हो सकती हैं.जिस समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने  1990 में अयोध्या कार सेवा के दौरान लाखों कार सेवको पर अंधाधुंध गोलियां चलवायी,हजारो निरपराधों की असामयिक मौतें हुयी थी,वो भी आज राम भक्तों की श्रेणी में खड़े होने की कोशिश में हैं.लेकिन उनका भ्रंम देखिये -उनके महामूर्ख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य खुलकर  हिन्दुओ के विरोध कर रहे हैं.जिससे मुसलमान वोट बैंक खुश रहे .यही स्थित कमोवेश सभी विपक्षी दलों की हैं .

विपक्षी दलों द्वारा श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बहिष्कार के पीछे सिर्फ समग्र चिन्तन के बाद  एक ही कारण दिखता हैं- मुसलमान वोट बैंक .लेकिन अब वो भी एक मुश्त उनका नहीं रहा.उन भ्रमित नेताओ को ये लगता हैं कि श्री राम जन्म भूमि मंदिर का समर्थन करने से उनका मुसलमान वोट उनसे दूर हो  जायेगा.लेकिन पिछले 2019 में उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम से उन विपक्षी दलों का रक्त चाप बढ़ने लगा हैं.उस वर्ष सिर्फ उत्तर प्रदेश में 8 प्रतिशत से ज्यादा प्रगतिशील व राष्ट्रवादी मुसलमानों ने भाजपा को वोट दिया था.

तेजी से बदलते समय के इस  क्रांतिकारी राममय दौर में मुसलमान समाज का  एक बड़ा वर्गखुश है,हर्षित हैं .अयोध्या में उनकी  ख़ुशी जग ज़ाहिर हो रही हैं .एक मुसलमान भाई ने अपनी पूरी जमीन श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास  को उस बृहत भंडारा  के लिए मुफ्त में दिया है.एक मुसलमान भाई ने तो कसम खायी हैं वह 51 हज़ार लोगो के हाथों पर “जय श्रीराम” की गुदाई मुफ्त में करेंगे.ये सब क्या है?क्या ये सच उन छद्म सेक्युलर वादियों को दिखाई नहीं देता?

यदि हम इस मंदिर के समग्र इतिहास का जिक्र करें तो पूरा विश्व इस श्री राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण के  प्रमुख  अवरोधों को मिटाने में पूर्व प्रधनामंत्री पी वी नरसिंहराव और पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यपाल कल्याण सिंह के महती योगदान को नहीं भूल सकता. सबको पता है कि यदि वो बाबरी ढांचा 6 दिसम्बर 1992 को नहीं हटाया जाता तो आज ये नव निर्माण संभव नहीं था.

शायद इसी का प्रतिशोध कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी ने नरसिंह राव से लिया था. सोनिया ने मरणोपरांत नरसिंह राव को बड़ा अपमानित किया था.2004 में  उनकी  मृत्यु के बाद सोनिया ने उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए अनुमति नहीं दी थी.

नरसिंह राव ने अयोध्या पर एक ऐतिहासिक पुस्तक -अयोध्या -6 दिसम्बर 1992 भी लिखी थी.उसके लिए उन्होंने एक क़ानूनी विल बना दिया था कि उनके मरने के बाद ही उस पुस्तक को प्रकाशित किया जाये.जो बाद में रूपा बुक्स ने प्रकाशित किया था.जिसेसोनिया-मनमोहन सरकार ने अपने  कार्यकाल में प्रतिबंधित कर दिया था.उस रूपा बुक्स वाली पुस्तक की एक प्रति मेरे पास हैं.जिसे बाद में मेरे प्रयास से भाजपा नेता सुषमा स्वराज और एस एस अहलुवालिया की मदद से उस पुस्तक की सैकड़ों छाया प्रतियों को  संसद के सभा पटल पर रखकरसरकारी दस्तावेज बनवा दिया गया था .

वैसे आज नरसिंह राव की पुस्तक सहज बिक्री के लिए उपलब्ध हैं .सोनिया ने अयोध्या जैसी पुस्तक को प्रतिबंधित करने का ज्ञान शायद इन्दिरा गाँधी से लिया होगा.इंदिरा गाँधी ने भी ताजमहल के झूठ को उजागर करने वाली प्रो पुरुषोत्तम ओक की पुस्तक को 1971 में प्रतिन्बंधित किया था.

आज भारत का समय तेजी से बदल रहा हैं .आज़ादी के बाद भारत पहली बार विश्व की पांचवीं आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरा हैं.विश्व पटल पर भारत के महाशक्ति के तौर पर देखा जाने लगा हैं .हमारा विदेशी मुद्रा का भंडार भी अप्रत्याशित तौर पर बढ़ रहा हैं.आयात कम ,निर्यात ज्यादा होने लगा हैं .

यदि हम अपने प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की बातों पर गौर करें तो सिर्फ अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण के क्रम में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से करीब एक लाख करोड़ रूपये का व्यापार होगा.यह है-भारत की प्राचीनतम संस्कृति -धर्म,अर्थ ,काम और मोक्ष का अद्भुत संगम !!!,नया भारत ,श्रेष्ठ भारत !

*कुमार राकेश,पत्रकारिता व लेखन कार्य में करीब 35 वर्षो से सक्रिय.देश के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य,भारत में 9 टीवी समाचार चैनलों के निर्माणकर्ता,पत्रकारिता कार्य से 50 से अधिक देशो का भ्रमण व लेखन,देश-विदेश के कई सम्मानों व पुरस्कारों से सम्मानित.सम्प्रति GlobalGovernanceNews समूह व समग्र भारत मीडिया समूह के सम्पादकीय अध्यक्ष हैं.सम्पर्क –krakesh8@gmail.com

 

 

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