समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 फरवरी। बुंदेलखंड में “खबर लहरिया” को सिर्फ महिला पत्रकारों की एक टीम चलाती है। इन पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को ऑस्कर पुरस्कारों के लिए मनोनीत किया गया है।”राइटिंग विद फायर” नाम की इस डॉक्यूमेंट्री को रिंटू थॉमस और सुष्मित घोष ने बनाया है। इसे ”सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फीचर” के ऑस्कर पुरस्कार के लिए मनोनीत किया गया है। फिल्म में ”खबर लहरिया” की टीम के अखबार से डिजिटल मीडिया बनने के सफर को दिखाया गया है। यह ऑस्कर के लिए मनोनीत होने वाली पहली भारतीय फीचर डॉक्यूमेंट्री है।
ग्रामीण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है संगठन
”खबर लहरिया” उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में फैले बुंदेलखंड इलाके में ग्रामीण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रखने वाला एक मीडिया संगठन है, जिसमें सिर्फ महिलाएं काम करती हैं। इसमें पत्रकारों की एक टीम है जिसके सदस्य ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को पत्रकारिता का प्रशिक्षण भी देते हैं।
2002 में हुई संगठन की शुरुआत
इसके जरिए महिलाएं अपने और अपने समाज की कहानियां बयां करती हैं। इस तरह स्थानीय भाषाओं में स्थानीय मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने के लिए स्थानीय महिलाओं को ही पत्रकारिता का प्रशिक्षण दे कर एक संस्था चलाने के इस मॉडल को 2009 में संयुक्त राष्ट्र का यूनेस्को किंग सेजोंग पुरस्कार दिया गया था। ”खबर लहरिया” की शुरुआत 2002 में एक अखबार के रूप में हुई थी। 2013 में इसकी वेबसाइट शुरू की गई, 2015 में यूट्यूब चैनल और फिर 2019 में सब्सक्रिप्शन आधारित सेवाएं।
पुरस्कृत फिल्मकार ”राइटिंग विद फायर” डॉक्यूमेंट्री को बनने में पांच साल लगे
पुरस्कृत फिल्मकार ”राइटिंग विद फायर” डॉक्यूमेंट्री को बनने में पांच साल लगे। इसे पहली बार 2021 में अमेरिका के प्रतिष्ठित सनडांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया था। यह सुष्मित की पहली डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म है। रिंटू भी सुष्मित की ही तरह फिल्में बनाती हैं। उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है जिसमे ऑस्कर के लिए मनोनीत होने की घोषणा पर उनकी पहली प्रतिक्रिया स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।
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