ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या का दर्दनाक मामला, अखिलेश यादव ने जताया दुख

समग्र समाचार सेवा
ग्रेटर नोएडा, 24 अगस्त: ग्रेटर नोएडा के कासना थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया। इस दर्दनाक वारदात ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है।

अखिलेश यादव का दुख और प्रतिक्रिया

समाजवादी पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरा दुख जताया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा:

“ग्रेटर नोएडा से आया ‘दहेज हत्या’ का समाचार बेहद दर्दनाक और घोर निंदनीय है। दहेज, लालच का दूसरा नाम है और नारी के साथ भेदभाव का सबसे वीभत्स रूप भी। इसकी जड़ में वह सामंती सोच है जो महिला को दोयम दर्जे का मानती है। सरकार से लेकर समाज तक सभी को मिलकर इस सोच को बदलना होगा।”

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि ऐसे कृत्य करने वाले न सिर्फ अपनी ज़िंदगी बर्बाद करते हैं, बल्कि अपने निर्दोष परिवार के लोगों को भी जीवनभर मानसिक सज़ा का दंश झेलने पर मजबूर कर देते हैं।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना के बाद मृतका की बहन ने कासना थाने में तहरीर दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पति विपिन भाटी को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश में दो विशेष टीमों का गठन किया गया है।

डीसीपी ने बताया कि पीड़िता के परिजन बड़ी संख्या में थाने पहुंचे और त्वरित कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तेजी से जांच हो रही है

हत्या की धारा में दर्ज हुआ मामला

पुलिस ने इस मामले में हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है और दोषियों को हर हाल में सख्त सज़ा दिलाई जाएगी।

समाज में गूंजा सवाल

यह मामला एक बार फिर समाज में दहेज प्रथा पर सवाल खड़ा करता है। दहेज के नाम पर आए दिन महिलाओं की बलि चढ़ती है, बावजूद इसके कि कानून सख्त हैं। राजनीतिक दलों से लेकर सामाजिक संगठनों तक सभी ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

ग्रेटर नोएडा की यह घटना सिर्फ़ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी का संकेत है कि दहेज जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। अब देखना होगा कि पुलिस और न्याय व्यवस्था कितनी तेजी से पीड़िता को न्याय दिला पाती है।

 

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