बिना PUC सर्टिफिकेट के वाहन चलाना पड़ेगा महंगा, 10,000 रुपये का कटेगा चालान

 समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11जुलाई। सड़कों पर अब वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट (PUC) के बिना वाहन चलाना बहुत महंगा साबित होने वाला है. दिल्ली में बिना वैध प्रदूषण सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाने वाले वाहन मालिकों को परिवहन विभाग जल्द ही नोटिस भेजना शुरू कर सकता है. दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग उन वाहन मालिकों को नोटिस भेजना शुरू कर सकता है जिनके पास वैलिड PUC सर्टिफिकेट नहीं है. ऐसे वाहन चालकों को 10 हजार रुपये चालान के रूप में भरने पड़ेंगे.

बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार कई कदम उठा रही है. PUC को लेकर दिखाई जा रही सख्ती इसी दिशा में उठाया गया कदम है. सरकार के इस फैसले से अब पॉल्‍यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) के बिना दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है.
परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो दिल्ली की सड़कों पर बड़ी संख्‍या में बिना PUC के वाहन दौड़ रहे हैं. इन वाहनों से निकलने वाले तय मानक से अधिक धुएं से शहर की वायु प्रदूषित हो रही है.

बताया जाता है कि करीब 17,24,891 वाहनों का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट की वैलिडिटी समाप्‍त हो चुकी है. इन सभी वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग कार्रवाई तेज करने की तैयारी में है.

विभाग ने साफ और स्‍पष्‍ट किया है कि बिना पीयूसीसी वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी जिसमें 10 हजार का जुर्माना या छह माह की सजा निर्धारित है. या फिर चालान और सजा दोनों भी हो सकते हैं. इसके अलावा 3 माह तक के लिए ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है.

क्या है PUC
PUC सर्टिफिकेट को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र कहा जाता है. वाहनों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पंजीकृत PUC केंद्रों के माध्यम से जारी किया जाता है. PUC केंद्रों में वाहनों के प्रदूषण की निगरानी और उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार वाहनों की फिटनेस प्रमाणित किया जाता है. केंद्रों पर परीक्षण निरीक्षकों द्वारा समय-समय पर जांच भी की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि PUC केंद्रों द्वारा सही प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं या नहीं.

दरअसल आपकी गाड़ी का धुआं कितना प्रदूषण फैला रहा है, कहीं यह प्रदूषण तय नियम से ज्यादा तो नही है इसी बात की पुष्टि करने के लिए एक टेस्ट (Pollution Test) किया जाता है. इस टेस्ट के बाद जो सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, उसे पीयूसी कहते हैं. भारत में मोटर या इंजन वाली सभी गाड़ियों के लिए यह अनिवार्य है. वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण कारक तत्वों जैसे कार्बन डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के लिए उनकी नियमित जांच की जाती है जिसके बाद पीयूसी दिया जाता है.

नए वाहन पर PUC
जब आप एक नई कार खरीदते हैं तो पीयूसी उसके साथ दिया जाता है, जो अधिकतम 1 साल तक के लिए वैध होता है. इसके बाद आपको तय समय में जांच करवाकर पीयूसी सर्टिफिकेट लेना होता है.आम तौर पर पीयूसी की वैधता 6 महीने की होती है यानी आपको हर छह महीने में यह जांच कराना चाहिए. गाड़ी किस फ्यूल टाइप की है, इस आधार पर पीयूसी टेस्ट की कीमत 60 से 100 रुपये तक होती है.

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