समग्र समाचार सेवा
रांची, 30अगस्त। ये कैसा प्यार है …जिसके कारण कथित रूप से प्यार करने वाले व्यक्ति ने ही 12वीं की छात्रा अंकिता पर पेट्रोल छिड़ककर जला दिया…प्यार या लव जिहाद….या प्यार ठुकरानें के कारण आहत हुए व्यक्ति ने एक मासूम की जान ले ली। यह ऐसी पहली घटना नही है ऐसी कई घटना देश में 2021 और 2022 में हुई है जिसे एकतरफा प्यार का नाम देकर मासूम बेटियों को मौत के घाट उतार दिया।
बता दें कि दुमका के जरुआडीह मोहल्ले की रहने वाली अंकिता को उसी मोहल्ले में रहने वाला शाहरुख नाम का युवक पिछले कुछ महीनों से परेशान कर रहा था। उसने उसका मोबाइल नंबर कहीं से हासिल कर लिया था और उसे फोन पर बात करने और शादी के लिए दबाव डाल रहा था। अंकिता ने घरवालों ने एक बार शाहरुख को समझाया भी था, लेकिन मामला यही शांन्त नही हुआ। बीती 22 अगस्त की रात उसने अंकिता को फोन पर उसे जान से मारने की धमकी दी और कुछ ही घंटे बाद मंगलवार सुबह 5 जब घर के सभी लोग सो रहे थे, तभी शाहरुख ने कमरे में अकेली सो रही अंकिता पर खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और उसके बाद आग लगा दी। जलती हुई अंकिता ने शोर मचाया तो घर के लोग जागे। उसने खिड़की से शाहरुख को पेट्रोल का केन लेकर भागते हुए देखा। तत्काल पुलिस को सूचित किया गया. पुलिस ने शाहरुख को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था।
आखिर कर ज्यादा जल जाने के कारण अंकिता की मौत हो गई। उसकी मौत की खबर रविवार को दुमका पहुंची तो जनता में आक्रोश उबल पड़ा। हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। दुमका-भागलपुर रोड को 3 घंटे तक जाम रखा गया। दूसरे दिन सोमवार को भी शहर में तनाव है। इसे देखते हुए प्रशासन ने पूरे शहर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इधर, दुमका के डीसी रविशंकर शुक्ला ने कहा है कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आग्रह किया जाएगा।
सोमवार सुबह दुमका के जरूआडीह मोहल्ले से अंकिता की अंतिम यात्रा पुलिस के भारी पहरे के बीच निकली। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल रहे, जो अंकिता के हत्यारे को फांसी देने की मांग कर रहे थे। उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। पिता, भाई और परिजन दहाडें मारकर रोने लगे। अंतिम यात्रा में जिले के डीसी रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ भी मौजूद रहे। लोग इस बात पर भी गुस्से में हैं कि अंकिता जब अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रही थी, तब सरकार के किसी नुमाइंदे ने उसकी और उसके परिजनों की सुध नहीं ली। अंकिता की मौत के पहले उसके बयान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो कह रही है कि उसे जलाने वाला शाहरुख जेल गया है तो इसके बाद उसके लोग मेरे घरवालों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हैं। ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है, जिसमें दोषी शख्स को फांसी की सजा होनी चाहिए।
हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में हम जो भी कानून सम्मत कार्रवाई है वो करेंगे। हम कहीं भी पीछे नहीं हटेंगे। लेकिन कभी-कभी कुछ मामले अति संवेदनशील होते हैं। ऐसे मामलों में लोगों को राजनीति नहीं करनी चाहिए। ये कोई थोड़ी ना जानता है कि ऐसी घटना होगी। वहीं तुरंत अच्छी मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे ही इलाज में पैसों का मामला आया उपायुक्त ने परिवार को एक लाख रुपये उपलब्ध कराने का काम किया। साथ ही पीड़िता को रांची रिम्स में भर्ती कराया गया।
हमें उस दरिंदे को फांसी के तख्ते तक ले जाना है’
बन्ना गुप्ता ने कहा कि किशोरी बुरी तरह से जल चुकी थीं, बर्न ज्यादा होने की वजह से उनकी मौत हुई। सरकार की संवेदनशीलता पर कोई कमी नहीं है। हमने इस केस में सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए कहा है। मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं, कहीं कुछ थोड़ी सी चूक हुई है। कहीं तो चूक हुई है लेकिन अभी हमें उस दरिंदे को फांसी के तख्ते तक ले जाना है।
सरकार ने मानी गलती
दुमका कांड पर विपक्षी दल बीजेपी के आक्रामक होने और राजनीति तेज़ होने के बाद झारखंड सरकार के मंत्री ने ग़लती मानी है और कहा है कि सरकार से चूक हुई है। उन्होंने इसके साथ ही फ़ास्ट्र ट्रैक कोर्ट के गठन और मुकदमे की सुनवाई तेज़ रफ़्तार से कराने का भी ऐलान किया है।
इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी करेंगे जांच
अंकिता हत्याकांड की जांच इंस्पेक्टर स्तर के पदाधिकारी करेंगे। इसका पर्यवेक्षण दुमका के एसपी अंबर लकड़ा करेंगे, जबकि पूरे केस की निगरानी की जिम्मेदारी दुमका के रेंज डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल को दी गई है। उन्हें यह भी आदेश दिया गया है कि दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा पर लगे आरोपों की भी गंभीरता से जांच कर रिपोर्ट दें। अगर एसडीपीओ पर लगे पक्षपात के आरोप सही पाए गए तो उनपर भी कानून सम्मत कार्रवाई हो सकती है। पुलिस मुख्यालय ने इस केस में पूरी संवेदनशीलता के साथ अनुसंधान करने का आदेश जारी किया है।
डीआइजी को अपनी निगरानी में कांड का अनुसंधान वैज्ञानिक तरीके से जल्द पूरा कराते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कराने को कहा गया है। इसके बाद फास्ट ट्रेक कोर्ट से स्पीडी ट्रायल कराने के लिए पुलिस न्यायालय से अनुरोध करेगी ताकि दोषियों को सजा हो सके। पुलिस मुख्यालय के अनुसार यह अति संवेदनशील एवं अत्यंत गंभीर अपराध है। इस घटना में दोषियों को प्राथमिकता के आधार पर स्पीडी ट्रायल कराकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए झारखंड पुलिस प्रयास करेगी। यह झारखंड पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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