दुर्गापुर बलात्कार: ममता बनर्जी का बयान विवादों में, कहा – मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा गया

समग्र समाचार सेवा
दुर्गापुर, 13 अक्टूबर: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उनकी टिप्पणियों को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। घटना के तुरंत बाद ममता ने कहा कि उनके शब्दों को जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया।

रविवार को अलीपुरद्वार में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया, “मेरे शब्दों को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। जब आप मुझसे सवाल पूछते हैं और मैं जवाब देती हूं, तो मेरे उत्तर को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास संवाद करने की शालीनता है, जबकि अन्य लोग पहले से तय सवालों के जवाब देते हैं।

ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा, “यह एक चौंकाने वाली घटना है… हम ऐसे अपराधों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश जारी है।”

पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार रात को हुई, जब ओडिशा के बालासोर जिले की एक मेडिकल छात्रा अपने दोस्त के साथ खाना खाने के लिए निजी मेडिकल कॉलेज के परिसर के बाहर गई थी। दुर्गापुर पुलिस ने बताया कि कुछ लोगों ने छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया।

ममता ने कहा कि पीड़िता जिस संस्थान की छात्रा है, वह भी इस घटना की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं है। उन्होंने कहा, “वह रात के 12:30 बजे बाहर कैसे आई? छात्रावास में रहने वाले छात्रों को नियमों का पालन करना चाहिए। पुलिस हर व्यक्ति की आवाजाही पर नजर नहीं रख सकती।”

मुख्यमंत्री ने बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में इसी तरह की घटनाओं का जिक्र करते हुए अपराधों के खिलाफ आक्रोश पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “हम सभी घटनाओं की निंदा करते हैं, चाहे वे कहीं भी हों। बंगाल में हम ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

इससे पहले ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में बारिश और भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

हालांकि ममता के बयान के बाद विपक्ष और समाजिक संगठनों ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। छात्रावास और कॉलेज प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी निभाने पर जोर दिया गया है।

ममता ने यह स्पष्ट किया कि उनके बयान का उद्देश्य छात्राओं को चेतावनी देना था और यह किसी भी तरह से पीड़िता की जिम्मेदारी ठहराने का संकेत नहीं है।

 

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