राजनीतिक दलों को अब विज्ञापनों के लिए लेनी होगी MCMC से मंजूरी; उम्मीदवार बताएंगे अपने असली सोशल मीडिया अकाउंट

ECI ने बिहार विधानसभा चुनाव और छह राज्यों व जम्मू-कश्मीर की 8 सीटों पर उपचुनावों की घोषणा के बाद जारी किए नए दिशा-निर्देश

  • निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पूर्व-प्रमाणन (Pre-Certification) को अनिवार्य किया।
  • बिना MCMC प्रमाणन के कोई भी राजनीतिक विज्ञापन सोशल मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जारी नहीं होगा।
  • उम्मीदवारों को नामांकन के समय अपने प्रामाणिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी होगी।
  • राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया प्रचार पर हुए खर्च का ब्यौरा 75 दिनों के भीतर आयोग को सौंपना होगा।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 14 अक्टूबर: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा के आम चुनाव और छह राज्यों व केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की घोषणा 6 अक्टूबर 2025 को की थी। इसके बाद आयोग ने 9 अक्टूबर को महत्वपूर्ण आदेश जारी करते हुए राजनीतिक विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन लागू की है।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, अब प्रत्येक राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दल तथा प्रत्येक प्रत्याशी को अपने सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए मीडिया प्रमाणीकरण एवं निगरानी समिति (MCMC) से पूर्व-प्रमाणन (Pre-Certification) लेना अनिवार्य होगा। यह नियम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और अन्य इंटरनेट आधारित प्लेटफॉर्म पर भी लागू रहेगा।

जिला और राज्य स्तर पर गठित MCMC समितियाँ इन विज्ञापनों की जांच करेंगी और केवल प्रमाणित विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रसारित किया जा सकेगा। आयोग ने यह भी कहा है कि बिना पूर्व-प्रमाणन के कोई भी विज्ञापन सोशल मीडिया या वेबसाइट पर जारी नहीं किया जाएगा।

MCMC समितियों को मीडिया में संभावित ‘भुगतान आधारित समाचार (Paid News)’ की भी सख्त निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

सोशल मीडिया के व्यापक प्रभाव को देखते हुए, प्रत्याशियों को नामांकन के समय अपने असली और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत, राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया प्रचार और इंटरनेट खर्च का पूरा विवरण चुनाव समाप्ति के 75 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करना होगा।

इस खर्च में विज्ञापन जारी करने, प्रचार सामग्री निर्माण और सोशल मीडिया अकाउंट्स को चलाने पर हुआ संचालन खर्च शामिल रहेगा।

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