समग्र समाचार सेवा
चेन्नई, 13 अक्टूबर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़ी गंभीर घटना के सिलसिले में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) के कार्यालयों पर छापे मारे। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है।
इस जहरीले सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाए जाने के बाद, मध्य प्रदेश और राजस्थान में कम से कम 20 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश बच्चों की उम्र पांच वर्ष से कम थी। यह घटना नियामक विफलता और आपराधिक लापरवाही के गंभीर मुद्दे उठाती है।
सोमवार को ईडी ने चेन्नई में कम से कम सात स्थानों पर कार्रवाई की। अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के परिसरों और तमिलनाडु FDA के कार्यालयों में की गई।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के अनुसार, श्रीसन फार्मा को 2011 में तमिलनाडु FDA से लाइसेंस मिला था। हालांकि, इसके खराब बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा नियमों के उल्लंघनों के बावजूद यह कंपनी एक दशक से अधिक समय तक संचालित होती रही।
श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर डाइएथिलीन ग्लाइकॉल युक्त सिरप बनाने और बच्चों की मौत का कारण बनने का आरोप है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला औषधि सुरक्षा और विनियमन में बड़ी चूक को उजागर करता है। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नियामक संस्थाओं की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ईडी की यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि धन शोधन और आपराधिक वित्तीय लेनदेन के माध्यम से ऐसे घातक औषधि उत्पादों का निर्माण और वितरण न हो। अधिकारियों ने कहा कि जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि इस सिरप के निर्माण और वितरण में किन वित्तीय और प्रशासनिक गड़बड़ियों का सहारा लिया गया।
श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और तमिलनाडु FDA पर यह कार्रवाई सावधान करने और न्याय सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
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