दिल्ली-नोएडा में ईडी की बड़ी कार्रवाई: सिद्धदाता इस्पात पर 190 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी में छापेमारी

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 5 जून: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज एक अहम कार्रवाई करते हुए सिद्धदाता इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पानीपत समेत कुल 10 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ 190 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले से जुड़ी हुई है।

ईडी सूत्रों के अनुसार, कंपनी और इसके प्रमोटरों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक से लिए गए करोड़ों रुपये के ऋण का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय हेराफेरी और धन शोधन (money laundering) किया है।

कैसे हुआ खुलासा?

बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर मामला प्रकाश में आया, जिसमें बताया गया कि सिद्धदाता इस्पात ने फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के जरिए भारी-भरकम लोन लिया और उसे चुकाने में नाकाम रहा। इस धोखाधड़ी के बाद ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू की।

किन-किन जगहों पर चली छापेमारी?

ईडी की टीमें आज सुबह से ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, पानीपत और अन्य शहरों में कंपनी के कार्यालयों, निदेशकों के आवासों और संबंधित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, अब तक महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, हार्ड डिस्क और डिजिटल डेटा जब्त किए जा चुके हैं जो इस घोटाले की परतें खोल सकते हैं।

प्रमोटर और निदेशक जांच के घेरे में

ईडी की प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि कंपनी के प्रमोटरों और निदेशकों की इस धोखाधड़ी में प्रत्यक्ष संलिप्तता हो सकती है। एजेंसी अब इस बात की भी जांच कर रही है कि लोन की राशि को किन खातों में ट्रांसफर किया गया, और क्या उसका उपयोग जायदाद खरीद, शेल कंपनियों में निवेश या विदेशों में भेजे गए धन के रूप में हुआ।

क्या बोले अधिकारी?

एक ईडी अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमारी टीमें सभी डिजिटल और फिजिकल दस्तावेजों को खंगाल रही हैं। शुरुआती सबूतों से संकेत मिलता है कि यह सुनियोजित आर्थिक अपराध है जिसमें धन की layering और diversion स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।”

अगला कदम क्या?

ईडी जल्द ही प्रवर्तन केस इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) के तहत इस मामले में आरोपियों से पूछताछ शुरू कर सकती है। साथ ही संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी यदि यह साबित होता है कि वह धोखाधड़ी के पैसों से अर्जित की गई थीं।

सिद्धदाता इस्पात पर कार्रवाई प्रवर्तन एजेंसियों के बढ़ते दबाव और बैंकों से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में सख्ती का एक और उदाहरण है। यह छापेमारी दिखाती है कि सरकार अब ऐसे मामलों में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की ओर बढ़ रही है। ईडी की यह जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, और आने वाले दिनों में इसमें कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

 

Comments are closed.