केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग में भूस्खलन के मलबे में फंसे, राहत और बचाव कार्य जारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,10 सितम्बर। उत्तराखंड के केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्रियों के लिए रविवार का दिन कठिनाइयों से भरा रहा। सोनप्रयाग में ऊर्जा निगम के पावर हाउस के समीप भूस्खलन जोन में पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों और मलबे में ये यात्री फंस गए। इस घटना ने न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया, बल्कि क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य की आवश्यकता को भी उजागर किया।

घटना का विवरण

रविवार की सुबह, केदारनाथ से लौट रहे आठ यात्री सोनप्रयाग की ओर बढ़ रहे थे, तभी अचानक ऊर्जा निगम के पावर हाउस के पास भूस्खलन शुरू हो गया। पहाड़ी से गिर रहे पत्थर और मलबा तेजी से सड़क पर गिरने लगा, जिससे यात्री मलबे के नीचे फंस गए। इस भूस्खलन के कारण यात्री अपनी यात्रा में आगे बढ़ने में असमर्थ हो गए और उनकी स्थिति गंभीर हो गई।

बचाव और राहत कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और बचाव दल ने त्वरित कार्रवाई की। राहत और बचाव कार्यों के तहत, जिला प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं ने जमीनी और हवाई बचाव अभियान शुरू किया। पुलिस और सेना के जवान मौके पर पहुंच गए और मलबे के नीचे फंसे यात्रियों को निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिए।

साथ ही, चिकित्सा टीमों ने घायल यात्रियों को प्राथमिक उपचार प्रदान किया और उन्हें अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। भूस्खलन के बाद से सड़क मार्ग भी बाधित हो गया था, जिससे राहत कार्यों में चुनौतियाँ आईं।

यात्री और उनके परिजनों की स्थिति

फंसे हुए यात्रियों के परिजनों ने प्रशासन से जल्दी राहत और बचाव कार्य की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी चिंता और भी बढ़ गई है, क्योंकि उनके प्रियजन भूस्खलन के मलबे के नीचे फंसे हुए हैं। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने उन्हें आश्वस्त किया है कि सभी प्रयास किए जा रहे हैं और यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

भूस्खलन की वजहें और सावधानियाँ

भूस्खलन का मुख्य कारण क्षेत्रीय मौसम की स्थिति और पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश हो सकता है। उत्तराखंड जैसे पहाड़ी इलाकों में इस तरह की घटनाएँ अक्सर होती हैं, खासकर मानसून के मौसम में।

स्थानीय प्रशासन ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है और यात्रा करने से पहले मौसम और सड़क की स्थिति की जांच करने का आग्रह किया है।

निष्कर्ष

सोनप्रयाग में भूस्खलन की घटना ने केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों की सुरक्षा को एक बार फिर प्राथमिकता पर लाने की आवश्यकता को उजागर किया है। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं, और यात्री जल्द ही सुरक्षित निकाले जाएंगे, ऐसा आश्वासन दिया गया है। इस घटना के बाद, क्षेत्रीय सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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