‘अग्निपरीक्षा’ में पास हुए एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र की नवनियुक्त सरकार ने जीता विश्वास मत

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 4जुलाई। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में विश्वास मत हासिल कर लिया. एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में 164 वोट पड़े. वहीं, विरोध में सिर्फ 99 मत डाले गए. विश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान के दौरान विपक्ष के चार विधायक वोट नहीं डाल पाये. इनमें पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार और NCP के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप शामिल हैं. ये चारों लेट हो गये थे और इन्हें सदन के अंदर जाने नहीं दिया गया. मालूम हो कि इससे पहले रविवार को हुए स्पीकर पद के चुनाव में भी BJP और एकनाथ शिंदे गुट के प्रत्याशी राहुल नार्वेकर इतने ही वोटों से जीत हासिल किये थे.
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे की जीत के बाद डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिन सदस्यों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है उनका मैं आभारी हूं. 1980 के शिंदे साहब ने शिवसेना में सक्रिय तौर पर काम शुरू किया था. उन्होंने साधारण कार्यकर्ता के तौर पर कई जिम्मेदारियां उठाई और आज राज्य के मुख्यनमंत्री बने हैं.
फडणवीस ने कहा कि एक समय जब मैंने कहा था कि मैं वापस आऊंगा तो कई लोगों ने मेरा मजाक उड़ाया. मैं आज वापस आया हूं और उन्हें (एकनाथ शिंदे) अपने साथ लाया हूं. मैं उन लोगों से बदला नहीं लूंगा, जिन्होंने मेरा मजाक उड़ाया. मैं उन्हें माफ कर दूंगा, राजनीति में हर बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता.

बहुमत का आंकड़ा 144
288 सदस्यीय विधानसभा में BJP के पास 106 विधायक हैं. वहीं, सीएम एकनाथ शिंदे को 39 विधायकों का सदस्यों का समर्थन हासिल है. हाल ही में शिवसेना विधायक के निधन के बाद विधानसभा में सदस्यों की संख्या घटकर 287 रह गई है. विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 144 का आंकड़ा पार करना होगा.

उद्धव गुट की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई
उधर, सुप्रीम कोर्ट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों के गुट के नए पार्टी सचेतक को मान्यता देने के महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे के गुट की याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया.

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि नई याचिका पर लंबित अन्य मामलों के साथ 11 जुलाई को उसी पीठ द्वारा सुनवाई की जाएगी. उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने कहा, ‘सचेतक को मान्यता देना अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. यह इस अदालत के समक्ष कार्यवाही की यथास्थिति को बदल रहा है. अध्यक्ष ने आधी रात को नए सचेतक की नियुक्ति की.’ न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा, ‘अभी मेरे समक्ष दस्तावेज मौजूद नहीं है. इन सब पर 11 जुलाई को ही सुनवाई करते हैं.’

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