समग्र समाचार सेवा
पटना, 17 अगस्त: बिहार चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस पार्टी द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस वीडियो को आधार बनाकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। लेकिन भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने तुरंत फैक्ट चेक जारी कर इसे पूरी तरह फर्जी करार दिया।
कांग्रेस का आरोप और वीडियो विवाद
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें कथित तौर पर यह दिखाने की कोशिश की गई कि चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि आयोग निष्पक्ष संस्था की तरह काम नहीं कर रहा और विपक्षी दलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
वीडियो वायरल होते ही कांग्रेस ने इसे जनता के बीच बड़े पैमाने पर फैलाया और चुनाव आयोग पर सीधे निशाना साधा।
चुनाव आयोग का कड़ा जवाब
भारत निर्वाचन आयोग ने तुरंत फैक्ट चेक जारी किया और कांग्रेस के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने कहा,
“सोशल मीडिया पर प्रसारित यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी, भ्रामक और तथ्यों से परे है। इसका उद्देश्य मतदाताओं को गुमराह करना और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करना है।”
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संचालित हो रही है और किसी भी तरह के दुष्प्रचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बिहार में चुनावी माहौल और राजनीतिक हमले
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हर दल अपनी-अपनी रणनीति के साथ मैदान में उतरा है।
- कांग्रेस इसे “लोकतंत्र की लड़ाई” बताकर जनता के बीच मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है।
- वहीं, भाजपा और जेडीयू ने कांग्रेस पर चुनाव से पहले जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
- विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद चुनावी नैरेटिव को और अधिक तीखा करेगा।
सियासी प्रतिक्रियाएँ
- भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी चुनाव हारने के डर से भ्रम फैलाने में जुट गई है।
- जेडीयू नेताओं ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार की जनता सच जानती है और इस तरह के “फर्जी वीडियो” से वोट प्रभावित नहीं होंगे।
- कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर वीडियो फर्जी है तो आयोग को स्वतंत्र जांच करानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके।
चुनाव आयोग की अपील
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसी भी अपुष्ट या संदिग्ध कंटेंट पर विश्वास न करें। आयोग ने कहा कि फेक न्यूज़ और दुष्प्रचार चुनावी माहौल को खराब करने की कोशिश है और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच छिड़ा यह विवाद आने वाले दिनों में और गहराएगा। कांग्रेस इस मुद्दे को जनता के बीच उठाकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश करेगी, जबकि चुनाव आयोग निष्पक्षता और पारदर्शिता की छवि बनाए रखने में जुटा है। ऐसे में देखना होगा कि फर्जी वीडियो विवाद बिहार के चुनावी माहौल को किस दिशा में मोड़ता है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.