निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों से मांगा Electoral Bonds से मिले डोनेशन का ब्योरा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14नवंबर।निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉण्ड के माध्यम से किसी भी तरह का चंदा प्राप्त करने वाले सभी दलों से इस योजना के शुरू होने के बाद से उन्हें मिले ऐसे चंदे का ब्योरा 15 नवंबर तक जमा करने को कहा है. आयोग ने यह कदम दो नवंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजनीतिक दलों को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 30 सितंबर, 2023 तक प्राप्त धन के ताजा आंकड़ों को सीलबंद लिफाफे में जमा करने का उसे निर्देश दिये जाने के बाद उठाया है. आयोग ने कहा कि उस तक सीलबंद लिफाफे 15 नवंबर की शाम तक पहुंच जाने चाहिए और लिफाफों पर स्पष्ट रूप से ‘गोपनीय-चुनावी बॉण्ड’ लिखा होना चाहिए.

आयोग ने तीन नवंबर को सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों को लिखे पत्र में उनसे प्रत्येक बॉण्ड के साथ दानदाता की विस्तृत जानकारी, ऐसे प्रत्येक बॉण्ड की राशि और अन्य जानकारी जमा करने को कहा है. निर्वाचन आयोग के पत्र में कहा गया है कि इस तरह की जानकारी दोहरे सीलबंद लिफाफे में निर्वाचन व्यय विभाग के सचिव को भेजी जानी चाहिए, जिसमें एक सीलबंद लिफाफे में सारी जानकारी और दूसरे सीलबंद लिफाफे में पहला लिफाफा हो.

आयोग ने कहा कि उस तक सीलबंद लिफाफे 15 नवंबर की शाम तक पहुंच जाने चाहिए. उसने यह भी कहा कि लिफाफों पर स्पष्ट रूप से ‘गोपनीय-चुनावी बॉण्ड’ लिखा होना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने 19 नवंबर, 2023 तक गोपनीय जानकारी मांगी थी
शीर्ष अदालत ने दो नवंबर को अपने आदेश में कहा था, यह कवायद 19 नवंबर, 2023 तक या उससे पहले पूरी की जाएगी. सीलबंद लिफाफे में जानकारी इस अदालत के पंजीयक (न्यायिक) को सौंपी जाएगी. सरकार ने दो जनवरी, 2018 को चुनावी बॉण्ड योजना की अधिसूचना जारी की थी, जिसे चुनावी वित्तपोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिये जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया था.

चुनावी बॉन्ड योजना को 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित किया गया था
चुनावी बॉन्ड योजना को 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित किया गया था. इसे राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत पार्टियों को नकद चंदे के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया था.योजना के प्रावधानों के अनुसार, चुनावी बॉन्ड भारत की नागरिकता रखने वाले व्यक्ति या भारत में स्थापित संस्थान द्वारा खरीदे जा सकते हैं. इसे कोई व्यक्ति अकले या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से खरीद सकता है.

चुनावी बॉन्ड को लेकर याचिका दायर की गई थी
बता दें कि याचिकाकर्ता ने मार्च में कहा था कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख राजनीतिक दल को गई है. शीर्ष न्यायालय ने 21 मार्च को कहा था कि यह इस पर विचार करेगी कि एक स्वीकार्य फैसले के लिए क्या याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजा जा सकता है.

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