चुनाव आयोग तय करेगा कौन है असली शिवसेना, ईसी की कार्रवाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 27सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने और पार्टी का चुनाव चिह्न तीर-कमान आवंटित करने संबंधी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की याचिका की सुनवाई पर आगे बढ़ने के लिए मंगलवार को निर्वाचन आयोग को अनुमति दे दी।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे नीत खेमे की याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने ‘मूल’ शिवसेना होने के शिंदे खेमे के दावे पर फैसला करने से निर्वाचन आयोग को रोकने का अनुरोध किया था। पीठ में न्यायमूर्ति एम आर शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। संविधान पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निर्वाचन आयोग के समक्ष कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी।”
उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर विचार करने से इंकार
इसमें जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पी.एस. नरसिम्हा ने उद्धव ठाकरे गुट द्वारा दायर की गई एक याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया कि चुनाव आयोग को मामले में आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जब तक कि शीर्ष अदालत शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिका का फैसला नहीं करती है।
चुनाव आयोग की कार्रवाई पर कोई रोक नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग को हम निर्देश देते हैं कि कार्यवाही पर कोई रोक नहीं होगी। उद्धव ठाकरे गुट का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि शिंदे गुट अयोग्य होने के बाद चुनाव आयोग को स्थानांतरित नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि इसमें एक संदर्भ दिया गया है, जोकि एक तथ्य है। एक संवैधानिक निकाय को यह तय करने से नहीं रोकता है कि क्या उसके पास कानून के तहत फैसला लेने की शक्ति है। पीठ ने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट ने तर्क दिया कि चुनाव आयोग के समक्ष कार्रवाई को लेकर अन्य याचिकाओं में से एक है, इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ना चाहिए।
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