समग्र समाचार सेवा
पटना, 3 अक्टूबर। बिहार में चाचा- भतीजे का आपसी विवाह उन पर ही भारी पड़ चुका है। जी हां चुनाव आयोग ने राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव चिह्न को जब्त कर लिया है। चुनाव आयोग ने बयान जारी करते हुए कहा, “लोक जनशक्ति पार्टी के दो धड़ों- पासवान और चिराग किसी भी गुट को लोजपा के चुनाव चिह्न का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दोनों गुटों को अंतरिम उपाय के रूप में, उनके समूहों के नाम और उनके उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जा सकते हैं।’
Election Commission of India (ECI) freezes Lok Janshakti Party's symbol amid tussle between factions of Chirag Pawan and Pashupati Kumar Paras pic.twitter.com/YmWQb5tyMe
— ANI (@ANI) October 2, 2021
यह रोक तबतक जारी रहेगी जबतक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता।
दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं।
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग समूह) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पार्टी का बंगला चुनाव चिन्ह है तो दूसरी तरफ चिराग के चाचा और लोजपा (पशुपति पारस समूह) ने भी इस चिह्न पर दावा ठोका था। चिराग पासवान ने आयोग से पशुपति पारस गुट के दावे को खारिज करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उन्होंने अवैध रूप से पार्टी को अपने कब्जे में लिया था।
लेकिन चुनाव आयोग दोनों को इस उनके दावे को ठूकरा कर चिन्ह को जब्त करने का फैसला किया है।
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