रोजगार-युक्त प्रोत्साहन योजना को मिशन-मोड में शीघ्र लागू किया जाएगा: डॉ. मांडविया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अगस्त। रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषित रोजगार-युक्त प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मिशन मोड में शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय डॉ. मांडविया की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें उन्होंने ईएलआई योजना और उसकी कार्यान्वयन योजना पर चर्चा की। इस बैठक में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री श्रीमती शोभा करंदलाजे और मंत्रालय तथा ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम
डॉ. मांडविया ने इस बात पर जोर दिया कि ईएलआई योजना का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि हमारे प्रयास एक स्थायी और समावेशी रोजगार इको-सिस्टम बनाने की दिशा में तत्पर हों। ईएलआई योजना रोजगार सृजन की सुविधा और नियोक्ताओं और कर्मचारियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए बनाई गई है।”

2 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य
ईएलआई योजना का लक्ष्य आगामी 2 वर्षों में देश में 2 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा करना है। इससे रोजगार के अवसर और आजीविका बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। मंत्री महोदय ने अधिकारियों को इस योजना के लाभों के बारे में लोगों को, विशेषकर इच्छित लाभार्थियों को, शिक्षित करने के लिए व्यापक आउटरीच और जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया।

केंद्रीय बजट 2024-25 की महत्वपूर्ण पहल
केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहल के पैकेज के हिस्से के रूप में ‘रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन’ के लिए तीन योजनाओं की घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा प्रदान करना है, जिसके लिए 2 लाख करोड़ रुपए का केंद्रीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।

कार्यान्वयन योजना का अंतिम रूप
श्रम और रोजगार मंत्रालय अपनी कार्यान्वयन योजना के साथ उपरोक्त योजनाओं के विवरण को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। डॉ. मांडविया ने योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी संबंधित पक्षों को पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया, ताकि देश के युवा अधिक से अधिक लाभान्वित हो सकें।

इस योजना का उद्देश्य देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करना है। रोजगार सृजन की इस महत्वाकांक्षी पहल से न केवल आर्थिक विकास को बल मिलेगा बल्कि समाज के समावेशी विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

योजना के मुख्य बिंदु
लक्ष्य: 2 वर्षों में 2 करोड़ नौकरियों का सृजन।
उद्देश्य: स्थायी और समावेशी रोजगार इको-सिस्टम का निर्माण।
केंद्रीय परिव्यय: 2 लाख करोड़ रुपए।
लाभार्थी: 4.1 करोड़ युवा।

इस पहल के माध्यम से सरकार का उद्देश्य न केवल बेरोजगारी की समस्या को कम करना है, बल्कि आर्थिक विकास को भी एक नई दिशा देना है। यह योजना देश की आर्थिक और सामाजिक संरचना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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