शराब घोटाले मामले में आप नेता केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने किया गिरफ़्तार
कांग्रेस- सपा ने की केंद्र सरकार की निंदा व केजरीवाल का समर्थन
*कुमार राकेश
आप नेता अरविन्द केजरीवाल आज अपने बुने हुए जाल में फंस गए. उनको आज गिरफ्तार कर लिया गया. ये आप और उनकी पार्टी के लिए भी बहुत बड़ा झटका हैं. केजरीवाल भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार होने वाले देश के दुसरे मुख्यमंत्री हैं . उनके पहले झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को भी रांची से बड़े ही नाटकीय ढंग से प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था.
आप पार्टी की नेता आतिशी ने कहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जी एक चुने हुए राजनेता हैं . उनका दावा हैं कि उनके नेता केजरीवाल गिरफ्तार होने के बावजूद जेल से भी सरकार चला सकते हैं.
ये भी एक आश्चर्य हैं कि पहली बार कांग्रेस और सपा के नेता अब खुलकर आप नेता केजरीवाल के समर्थन में आ गए हैं . दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर लवली उनके आवास पर जाकर आप पार्टी को समर्थन जताया और केंद्र सरकार को जमकर कोसा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व हेराल्ड घोटाले मामले पर जमानत पर चल रहे राहुल गाँधी ने एकबयान में कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है. ये लोकतंत्र को समाप्त करने की साज़िश हैं . ये एक विचित्र स्थिति है कि कांग्रेस को पानी पी पीकर कोसने वाले केजरीवाल को कांग्रेस आज समर्थन कर रही हैं . सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि केजरीवाल की ये गिरफ़्तारी देश में एक नयी क्रांति को जन्म देगी.
जबकि भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का कहना है किये भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों का भाईचारा हैं. ये सब कानून का मसला हैं , भाजपा का ऐसे मामलों से कोई लेना देना नहीं हैं. न्यायालय अपना काम कर रहा हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैं कि देश में एक भी भ्रष्टाचारियों को नहीं बख्शा जायेगा. दिल्ली भाजपा के नेता हरीश खुराना ने भी कहा कि इससे पार्टी का कोई लेना देना नहीं हैं ,कानून अपना काम कर रहा हैं.
कभी राजनीति में शुचिता को स्थापित करने का दावा करने वाले केजरीवाल देश की नीति,रीति और कानून को कभी तवज्जो नहीं दिया. देश के स्थापित कानूनों/संविधान का जमकर उपहास उड़ाया. इसका सबूत ये हैं कि केजरीवाल अब तक प्रवर्तन निदेशालय (ED)के 9 क़ानूनी नोटिसों को नकार चुके थे. 21 मार्च को दिल्ली उच्चन्यायालय ने भी उन्हें गिरफ्तारी से कोई राहत नहीं दी. इन नोटिसों व गिरफ्तारी की वजह दिल्ली का करीब 100 करोड़ का शराब घोटाला हैं. बाद में देर रात प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को उनके आवास से उन्हें गिरफ्तार किया. केजरीवाल शराब घोटाले में आरोपी सहित कई अन्य मामलो में भी आरोपी बताये जा रहे हैं. देर रात केजरीवाल की लीगल टीम ने उच्चतम न्यायालय से भी राहत की गुहार की हैं.
केजरीवाल को दिल्ली के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए पिछले करीब चार महीनो से लगातार कोशिशें जारी थी. लेकिन केजरीवाल ने अपनी चिर परिचित तानाशाही के अंदाज़ में कानून को आजतक किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया था. परन्तु ऐसा क्यों?न्यायालय और सरकारी कानूनी नोटिसों की अवहेलना से केजरीवाल क्या सिद्ध करना चाहते थे? ऐसे आरोपी राजनेता आख़िरकार पकडे जाने पर “बेचारगी वाला मुद्दा” क्यों उछालने लगते हैं? ये अभी एक बड़ा सवाल हैं .
करीब 12 साल पहले देश में ईमानदारी, शुचिता का परचम लहराकर राजनीति में आये केजरीवाल अपने सभी पुराने कथित मानदंडो को ध्वस्त करल दिया हैं. उनके बारे में ये कहावत भी पूरी तरह चर्चित हो चुकी हैं – कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे केजरीवाल ने ठगा नहीं. यदि हम 2012 और 2024 की तुलना करे तो वो आप पार्टी अपने कई पापों से खुद ही घिर चुकी हैं.
केजरीवाल ने अपने कथित झूठ और दिल्ली भाजपा के अन्दर घोर गुटबाजी, कुप्रबधन का फायदा उठाकर तीसरी बार सरकार में हैं. 2025 में दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं. पूरे राजनीतिक माहौल से ऐसा लग रहा हैं कि आने वाले विधान सभा 2025 में केजरीवाल की पार्टी की बोरिया बिस्तर बंध सकती हैं.
जैसा कि सबको पता हैं कि कथित दिल्ली शराब घोटाले के परिपेक्ष्य में केजरीवाल के करीबियों में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मंत्री रह चुके सत्येन्द्र जैन ,सांसद संजय सिंह प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार हो चुके हैं और जेल में हैं. इन सभी नेताओ को प्रवर्तन निदेशालय ने ही पूछताछ के बाद उनके जवाबों से से अंसतुष्ट होने के बाद गिरफ्तार किया था.मनीष पिछले 14 महोनों से जेल हैं,संजय सिंह पिछले 5 महीनों से जेल हैं.
हाल में पिछले दिनों तेलंगाना की बीआरएस नेता सुश्री के कविता को इसी मामले में गिरफ्तारी हुयी थी. कविता द्वारा कई राजनीतिक नाटकीय उपक्रमों के बावजूद गिरफ्तारी से नहीं बच सकी.इन सभी नेताओं को न्यायालय से अभी तक जमानत नहीं मिल सकी हैं. इसी क्रम में केजरीवाल को भी 21 मार्च को दिल्ली उच्चन्यायालय ने कोई राहत नहीं दिया.
वह गिरफ्तारी से राहत चाहते थे. जो नहीं मिल सका. उनके नेता उनकीही तर्ज़ पर झूठ बोलकर दिनभर लोगो को बरगलाते रहे. सत्य से मुंह चुराते रहे.परन्तु कुछ नहीं हो सका. 21 मार्च को दिल्ली उच्चन्यायालय में सुनवाई के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया . केजरीवाल की तरफ से कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी की . लेकिन सत्य व तथ्यों के आगे न्यायालय ने केजरीवाल को कोई राहत नहीं दिया . लगता है दिल्ली उच्च न्यायालय की कार्यवाही के बाद प्रवर्तननिदेशालय के अधिकारीगण नैतिक तौर पर उत्साहित हो गए और देर रात तक केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया . केजरीवाल पिछले करीब 5 महीने से प्रवर्तन निदेशालय को कई प्रकार से बरगलाने की कोशिशे की. लेकिन वह सफल नहीं हो सके. केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 2 नवम्बर 2023 को पहला नोटिस भेजा था. स्वयं को आम आदमी होने का दावा करने वाले केजरीवाल क्या देश के संविधान- कानून से ऊपर हैं ? शायद इसी प्रवृति को भारत के गांवो में “चोरी और सीना जोरी” कहा जाता हैं.
ऐसे पहले भी हुआ है जब कोई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया जाते रहे हैं तो उनके पास एक रटारटाया जवाब होता हैं ये गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष की वजह से हैं . ऐसा ही आजकल आप और अन्य पार्टी के भ्रष्ट नेता ऐसी बाते करते सुने जा रहे हैं. परन्तु ऐसा क्यों?
कोई भी सरकारी एजेंसी बिना पुख्ता सबूत के किसी को भी गिरफ्तार नहीं कर सकती हैं. फिर उन आरोपी राजनेताओ की तरफ से आधारहीन बयानबाजी क्यों?
भारत जैसे सजीव लोकतंत्र में भ्रष्ट नेताओं द्वारा चोरी और सीना जोरी के कथित कहावत को अपनाने की होड़ मच गयी हैं . ऐसा क्यों ? जबकि एक आम आदमी देश में आज भी इससे कही छोटे से मसले पर अपना कागज़ दिखाते दिखाते स्वर्गवासी हो जाता है, परन्तु न्याय नहीं मिलता. राजनेता और आम आदमी में फर्क क्यों? .
ये मुझे आज भी समझ में नहीं आ रहा है जब कोई आम आदमी (केजरीवाल नहीं) पर आरोप लगता है तो वो स्वयं को निर्दोष साबित करने में अपनी ज़िन्दगी गवां देता हैं जबकि किसी भ्रष्ट नेता पर आरोप लगता है तो अधिकांश राजनेता किसी प्रकार बच जाते हैं और उनकी निहित स्वार्थों की वजह से देश के लोकतंत्र पर खतरे की दुहाई देने लगते हैं. ऐसा क्यों हो रहा हैं. क्या कानून को बरगलाना और प्रमाणों के बावजूद लगातार झूठ बोलना ही आज की कथित राजनीति हो गयी हैं? .ऐसे बयानों/घटना क्रमों से पूरा देश अचंभित हैं, आश्चर्यचकित है.परन्तु ये भी एक ऐतिहासिक तथ्य हैं कि झूठ बोलने वालो को भारत ने कभी नहीं बख्शा.क्योकि हम सबको पता है भारत का चरित्र है – सत्यमेव जयते!
*कुमार राकेश, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक,भारत व विश्व के कई देशो के लिए पिछले 35 वर्षो से लेखन व पत्रकारिता में सक्रिय,सम्प्रति GlobalGovernanceNews समूह और समग्र भारत मीडिया समूह के सम्पादकीय अध्यक्ष हैं .
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