मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप: कांग्रेस का देशव्यापी अभियान, 14 अगस्त को ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च’
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 अगस्त: कांग्रेस पार्टी ने आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। पार्टी ने घोषणा की है कि 14 अगस्त को पूरे देश में ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल मार्च’ निकाला जाएगा।
कांग्रेस का आरोप — वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर हेरफेर
कांग्रेस का कहना है कि कई राज्यों में मतदाता सूची से नाम गायब करना, फर्जी नाम जोड़ना और दोहरी प्रविष्टियां जैसी गड़बड़ियां की जा रही हैं। पार्टी का आरोप है कि यह सब सुनियोजित तरीके से विपक्षी वोट बैंक को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा —
“हमारे पास पुख्ता सबूत हैं कि मतदाता सूची में बदलाव कर चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है।”
14 अगस्त को देशभर में मशाल मार्च
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि 14 अगस्त की शाम को सभी राज्य और जिला मुख्यालयों में मशाल मार्च निकाले जाएंगे। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई वरिष्ठ नेता इसमें शामिल होंगे।
दिल्ली में यह मार्च राजघाट से शुरू होकर चुनाव आयोग के मुख्यालय तक जाएगा, जबकि अन्य राज्यों में इसे राज्य चुनाव आयोग कार्यालय तक ले जाया जाएगा।
चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने और मतदाता सूचियों की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि मतदाता सूची की गड़बड़ियों को तुरंत सुधारा जाए, ताकि आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो सकें।
पार्टी नेताओं ने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची के अंतिम संस्करण की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी उपलब्ध कराए, ताकि वे स्वतंत्र रूप से इसकी जांच कर सकें।
बीजेपी का पलटवार — ‘कांग्रेस का ड्रामा’
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा —
“चुनाव आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है। मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप सिर्फ कांग्रेस का ध्यान आकर्षित करने का तरीका है। उन्हें पहले अपने गढ़ में हार की वजह ढूंढनी चाहिए।”
विशेषज्ञों की राय — ‘विश्वसनीयता जरूरी’
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि मतदाता सूची की शुद्धता लोकतंत्र की नींव है। अगर इसमें गड़बड़ियां पाई जाती हैं, तो यह न केवल चुनाव नतीजों पर असर डाल सकती हैं, बल्कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और साख पर भी सवाल खड़े कर सकती हैं।
पूर्व चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी ने कहा —
“चुनाव आयोग को चाहिए कि सभी आरोपों की जांच पारदर्शी तरीके से करे। राजनीतिक दलों का विश्वास बहाल करना बेहद जरूरी है।”
कांग्रेस का संदेश — ‘लोकतंत्र खतरे में’
कांग्रेस ने अपने आंदोलन को सिर्फ मतदाता सूची तक सीमित न रखते हुए इसे लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा के बड़े अभियान के रूप में पेश किया है। पार्टी ने कहा है कि यह लड़ाई लोगों के वोट के अधिकार को बचाने के लिए है और इसे किसी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
Comments are closed.