समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16जुलाई। महाराष्ट्र राज्य में हर साल सोलापूर जिले के पंढरपुर तहसील में सावन(आषाढ महिना) मास के एकादशी (ग्यारस) से पहले वारकरी (भक्तगण) पंधरा दिनों तक पैदल यात्रा कर विठुराया के मंदिर में (विठ्ठल देवता, भगवान विष्णु के अवतार)दर्शन कर ग्यारस का उपवास कर, दर्शन लेते है। यह वारी की पंरपरा तकरीबन 12 वी शतक से चलती आ रही है । यह वारी यात्रा बहुत ही अद्भुत तथा आध्यात्मिक भावना से आयोजित होती है ।
इसी के चलते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के सभी वारकरियों को बड़ी खुशखबरी दी है। वारकरियों को हर संभव सुविधा मुहैय्या कराने हेतू उन्होने “मुख्यमंत्री वारकरी निगम” की स्थापना करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निगम का मुख्यालय पंढरपुर में रहेगा। इस निगम के सुगम संचार के लिए एक सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई. ए. एस.) अधिकारी के निगम का प्रबंध निदेशक के रुप में नियुक्त किया जाएगा। इसके निगम के लिए सरकार ने 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। मंत्रिमंडल ने 11 जुलाई, 2024 को हुई कॅबिनेट बैठक में “मुख्यमंत्री वारकरी निगम” की स्थापना करने का निर्णय लिया है तथा इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
आषाढ़ी पावन एकादशी (ग्यारस) के पावन अवसर पर, महाराष्ट्र में वारकरी भक्त विभिन्न गांवों से पंढरपुर तक सामुदायिक यात्रा करते हैं। वारी के अवसर पर हर साल लाखों वारकरी पंढरपुर में एकत्रित होते हैं, जिन विट्ठल भक्त ने संप्रदाय की दीक्षा नहीं ली है, वे भी सहभागी होते हैं। इनमें से बड़ी संख्या के श्रध्दालु कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य से होते हैं। कार्तिक और आषाढ़ के महीने में दो एकादशी आती हैं। त्र्यंबकेश्वर से संत निवृत्तिनाथ की वारी, शेगांव से संत गजानन महाराज की वारी हर साल पंढरपुर को आती है।
इसी तरह, निम्नलिखित संतों की पालकी महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से पंढरपूर के लिए मार्गस्थ होती है। संत तुकाराम महाराज (देहू) संत एकनाथ (पैठण) संत सोपनकाका (सासवड) संत मुक्तबाई (मुक्ताईनगर) संत नामदेव (पंढरपुर) संत नरहरि सोनार (पंढरपुर) संत जनार्दनस्वामी (छत्रपति संभाजीनगर) संत जयरामस्वामी (वडगांव) संत शेकुबोवा (शिरसावड़ी) संत घाडगेबोवा (कोले) संत तपकिरिबोवा (चिंचगांव) संत मच्छिंद्रनाथ (मच्छिंद्रगढ़) संत रोहिदास (पंढरपुर) संत संताबाई (पंढरपुर) संत चोखोबा (पंढरपुर) संत चोखोबा बंका (मेहुणपुरा) संत दामाजी (मंगलवेढे) संत रुकमाबाई (कौंडण्यपूर- अमरावती), संत शंकर महाराज (माहुली-अमरावती), संत गोरखनाथ (शिराळा) दिंडी के साथ लाखों श्रध्दालु पंढरपुर के लिए रवाना होकर भक्ति में लीन होते हैं। सरकार ने राज्य में इन्हीं कीर्तनकारो और वारकरियों के लिए सुविधाएं प्रदान करने और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने हेतू ‘मुख्यमंत्री वारकरी निगम’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस निगम के माध्यम से यह इस तरह लागू होगी –
निगम की संरचना
· “मुख्यमंत्री वारकरी निगम” का मुख्यालय पंढरपुर में रहेगा।
· निगम में सेवारत या सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को “प्रबंध निदेशक” के रूप में नियुक्त किया जाएगा।
· मुख्यमंत्री ने 50 करोड़ रुपये की राशी को मंजूरी दी है।.
प्रस्तावित निगम के कार्य
सैकड़ों वर्षों से महाराष्ट्र में पांडुरंग के दर्शन के लिए डिंडी (ताल-मृदंग, वीणा के साथ की जाने वाली यात्रा) के माध्यम से पैदल “वारी” करने की वारकरियों की पवित्र परंपरा रही है। सभी तीर्थ स्थलों का विकास, भोजन, आश्रय, सुरक्षा, चिकित्सा सहायता, बीमा कवर, बुनियादी ढांचे आदि का प्रावधान है। सरकार ने सुविधाएं प्रदान करने और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए ‘मुख्यमंत्री वारकरी निगम’ के माध्यम से वारकरियों, कीर्तनकारों और तीर्थ स्थलों को सुविधाएं प्रदान करने का काम करेगा।
निगम की प्रस्तावित योजना
· महाराष्ट्र राज्य में वारकरी संप्रदाय की समस्याओं का समाधान करना।
· सभी पालखी समारोहों के लिए सड़कों, स्वच्छता, स्वास्थ्य, आश्रय और सुविधाओं में सुधार के लिए हर वर्ष वित्तीय प्रावधान किए जाएगा।
· आषाढ़ी और कार्तिकी वारी के लिए आने वाले वारकरियों को सुरक्षा, बीमा कवर प्रदान करने की कारवाई।
· वारकरी भजनी मंडल को भजन और कीर्तन सामग्री (ताल, मृदंग, वीणा आदि) के लिए अनुदान का प्रावधान।
· कीर्तनकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा, मानदेय योजना लागू की जाएगी।
· आषाढी और कार्तिकी वारी के लिए डिंडि मे सहभागी समूहों को वार्षिक अनुग्रह अनुदान प्रदान किया जाएगा।
· पंढरपुर, देहू, आलंदी, मुक्ताईनगर, सासवड, पिंपळनेर, त्र्यंबकेश्वर, पैठण, कोल्हापुर संस्थान, शेगांव, तारकेश्वर, भगवानगढ़, अगस्त्रिशी, संत सावंतामाळी समाज मंदिर, अरन, तहसील माढा, सोलापूर जिले और इतर तीर्थ स्थलों का विकास किया जाएगा।
· चंद्रभागा, इंद्रायणी, गोदावरी और अन्य नदियों की सफाई की कारवाई होगी।
· परंपरागत रूप से मासिक तीर्थ करने वाले इन वारकरियों के लिए वृद्धावस्था में “वारकरी पेंशन” योजना शुरू की जाएगी।
· पूज्य सद्गुरु जोग महाराज वारकरी शिक्षा संस्था, आलंदी, जो पूरे भारत में वारकरी संप्रदाय का प्रचार करती है, के पास छात्रों के फिस के लिए कोई शुल्क आकारा नहीं जाता, शिक्षकों के लिए कोई वेतन नहीं है और न ही कोई सरकारी सब्सिडी है। निगम कीर्तन भवन, शिक्षा कक्षा, भजन हॉल के विकास के लिए ऐसे अन्य संस्थानों को पर्याप्त धन प्रदान निगम प्रदान करेगा ।
· संत गोरोबा काका सेवा मंडल तेर परिसर, तहसील जिला- उस्मानाबाद (धाराशीव) में 15 हजार वर्ग फुट के सभागार के लिए धनराशि स्वीकृत करने के लिए कार्यवाही की जाएगी।
· श्री क्षेत्र पंढरपुर में चंद्रभागा नदी के दोनों किनारों पर घाट विकसित करने की कार्रवाई।
श्री क्षेत्र पंढरपुर में म्हसोबा मंदिर से विप्रदत्त घाट तक चंद्रभागा पर फुटपाथ या झूला पुल बनाने के लिए ठोस कदम।
· प्रत्येक वर्ष पालखी समारोह के लिए सभी सहुलियतों प्रदान करने के लिए एक स्थायी निधी स्वीकृत की जाएगी।
· महिला वारकरियों के लिए अलग आवास, शौचालय, कपड़े और अन्य सहायक सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस योजना के तहत कदम उठाए जाएंगे।
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