समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11अगस्त। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नई दिल्ली में NFCSF के ‘चीनी उद्योग संगोष्ठी एवं राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार 2022-23’ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर सहकारी चीनी मिलों को राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार प्रदान किए।
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि सहकारिता आंदोलन भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और यह कई राज्यों में विशेष रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में सक्रिय रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय का गठन एक ऐतिहासिक निर्णय था, जिसने सहकारिता क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।
शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने चीनी और इथेनॉल के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। उन्होंने बताया कि 2013-14 में गन्ना उत्पादन 5 मिलियन हेक्टेयर था, जो अब 18 प्रतिशत बढ़कर 6 मिलियन हेक्टेयर हो गया है। इसी प्रकार, गन्ने का उत्पादन 352 मिलियन टन से बढ़कर 491 मिलियन टन हो गया है। इथेनॉल का उत्पादन और चीनी का डायवर्जन शून्य था, जो अब 4.5 मिलियन टन तक पहुंच गया है। श्री शाह ने उल्लेख किया कि चीनी उद्योग से इथेनॉल की प्राप्ति पहले 38 करोड़ लीटर थी, जो अब 370 करोड़ लीटर हो गई है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने बताया कि मोदी सरकार के इथेनॉल-ब्लेंडिंग नीति से पेट्रोल का आयात बिल कम हुआ है, पर्यावरण सुधरा है, किसानों को लाभ मिला है और चीनी मिलों का मुनाफा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग के निर्णय ने चार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण लाभ सुनिश्चित किया है, और इसे प्रधानमंत्री की निगरानी में लगातार समीक्षा किया जा रहा है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि बायोफ्यूल अलायंस के माध्यम से वैश्विक जागरूकता बढ़ाने से गन्ना किसानों और चीनी मिलों को बड़ा लाभ होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार मल्टीडायमेंशनल बायोफ्यूल प्रोडक्शन प्लांट लगाने के लिए हरसंभव मदद करेगी और नेफेड किसानों का 100 प्रतिशत मक्का और दलहन MSP पर खरीदेगी।
उन्होंने चीनी मिलों को वायबल बनाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सरकार ने 20 साल से लंबित 15000 करोड़ रुपए की कर देनदारी से चीनी मिलों को निजात दिला दी है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने शीरे पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया है और आगामी 2 वर्षों में एनएफसीएसएफ को सभी सरकारी चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने वाली बनाने का लक्ष्य रखा है।
श्री शाह ने अंत में कहा कि सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद सरकार ने चीनी मिलों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और आने वाले वर्षों में और अधिक प्रगति की उम्मीद है।
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