‘पाकिस्तानी सेना ने भी हमारे घर को छुआ तक नहीं, लेकिन ये बुलडोजर…’ – यूनुस सरकार की हरकत पर भड़कीं शेख हसीना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6 फरवरी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिसने देश और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने मोहम्मद यूनुस सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि “पाकिस्तानी सेना ने भी हमारे घर को छुआ तक नहीं, लेकिन अब अपने ही देश में बुलडोजर चल रहा है!” यह बयान सीधे तौर पर यूनुस सरकार की नीतियों और कार्यशैली की कड़ी आलोचना मानी जा रही है।

क्या है पूरा मामला?

बांग्लादेश की राजनीति में शेख हसीना और नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के बीच लंबे समय से मतभेद रहे हैं। शेख हसीना ने पहले भी यूनुस पर कई बार वित्तीय अनियमितताओं और श्रमिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। लेकिन इस बार मामला उनके पारिवारिक घर से जुड़ा है, जिस पर सरकार द्वारा कार्रवाई की गई।

शेख हसीना ने कहा कि 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भी पाकिस्तानी सेना ने उनके घर को नुकसान नहीं पहुंचाया था, लेकिन अब यूनुस सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करते हुए उनकी संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है

यूनुस सरकार और विवाद

  • मोहम्मद यूनुस, जो ग्रামীण बैंक के संस्थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं, बांग्लादेश में एक प्रभावशाली शख्सियत हैं।
  • उनकी सरकार पर आरोप है कि वे शेख हसीना और उनके समर्थकों के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई कर रहे हैं
  • यूनुस पर पहले भी माइक्रोफाइनेंस सेक्टर में भ्रष्टाचार और विदेशी फंडिंग में अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।

शेख हसीना की नाराजगी क्यों?

  1. राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप – शेख हसीना का मानना है कि यूनुस सरकार उनके और उनकी पार्टी के खिलाफ व्यक्तिगत प्रतिशोध ले रही है।
  2. इतिहास से तुलना – उन्होंने पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों से तुलना करते हुए कहा कि उस दौर में भी उनका घर सुरक्षित था, लेकिन अब अपनी ही सरकार से उन्हें खतरा है
  3. लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल – उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना बांग्लादेश में लोकतंत्र और कानून के राज के लिए एक बड़ा झटका है।

बांग्लादेश की राजनीति पर असर

शेख हसीना के इस बयान से बांग्लादेश की राजनीति में नया तनाव देखने को मिल सकता है

  • यूनुस समर्थकों और हसीना सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले की गूंज सुनाई दे सकती है, क्योंकि मोहम्मद यूनुस को पश्चिमी देशों में भी समर्थन प्राप्त है।
  • बांग्लादेश की आंतरिक स्थिरता पर असर पड़ सकता है, खासकर आगामी चुनावों के मद्देनजर।

निष्कर्ष

शेख हसीना का यह बयान सिर्फ एक व्यक्तिगत नाराजगी नहीं, बल्कि बांग्लादेश की राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत भी है। अब देखना यह होगा कि यूनुस सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या यह मामला देश की राजनीति में कोई बड़ा मोड़ ला सकता है

 

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