9/11 आतंकवादी हमले में शहीद हुए कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए श्रूस्बरी फायर मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित
समग्र समाचार सेवा
बोस्टन, 14 सितंबर। 9/11 आतंकवादी हमले को 20वीं वर्षगांठ पर शहिद हुए कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए 11 सितंबर को श्रूस्बरी फायर मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) और न्यू इंग्लैंड क्षेत्र के इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी के साथ एमए फायर डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में कई समुदाय के नेताओं के साथ-साथ जनता ने भी भाग लिया और शहिदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि 11 सितंबर को ही साल 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था। यह हमला अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इस आतंकी हमले में 2,977 लोगों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें से अधिकांश न्यूयार्क से थे।
इस आतंकी हमले के दौरान दो घंटे से भी कम वक्त में 19 आतंकियों ने चार कमर्शियल विमानों को हाइजैक कर उनका मिसाइल की तरह इस्तेमाल किया था। इन विमानों का इस्तेमाल न्यूयार्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमलों के लिए किया गया गया थ। दो विमानों के हमले से वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावर- साउथ और नार्थ ढह गए थे। वहीं तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी में पेंटागन सैन्य मुख्यालय के पश्चिम की ओर क्रैश हुआ था और चौथा विमान यानी फ्लाइट 93 पेनसिल्वेनिया में क्रैश हुआ था। इस दौरान आतंकियों की योजना फ्लाइट 93 से अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी पर हमला करने की थी, लेकिन वो ऐसा करने में असफल रहे। क्योंकि विमान में सवार 40 यात्रियों और क्रू के सदस्यों ने निडरता से उनका सामना किया था।
न्यूयॉर्क में पुलिस और दमकल विभाग ने बचाव कार्य में लगे 400 से अधिक कर्मियों को खो दिया। हमलों में व्यापक मौत और बड़े पैमाने पर विनाश हुआ।
सुबह का कार्यक्रम स्टेशन के सामने उपयुक्त स्थान पर बे से बाहर निकलने के साथ शुरू हुआ और उसके बाद सभी अग्निशमन विभाग के कर्मियों और मेहमानों ने तंत्र के सामने ध्यान दिया और मौन धारण किया। फिर घंटी बजने के क्रम में पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया – प्रत्येक में 5 झंकार के 4 सेट; स्टेशन के झंडे को आधा झुकाना; 1 मिनट का पूर्ण मौन; प्रार्थना, उसके बाद अग्निशामक की प्रार्थना; घंटी बजना- प्रत्येक 5 झंकार के 4 सेट; ध्वजारोहण आदि शामिल थे।
प्रार्थना में, 11 सितंबर, 2001 को अपनी जान गंवाने वाले सभी भाइयों और बहनों को भावुक मन से याद किया और ईश्वर से उनके परिवारों को यह दुख सहन करने की शक्ति देने के लिए प्रार्थना की गई।
दूसरे वॉर्सेस्टर जिले के मैसाचुसेट्स राज्य सीनेटर माइकल ओ मूर ने हमलों की निर्ममता पर बात की और कहा, ‘आज, हम न केवल उन लोगों को याद करते हैं जिन्हें हमने 20 साल पहले इस दिन खो दिया था, बल्कि उन पहले उत्तरदाताओं का भी सम्मान करते हैं जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल दी। उनका बचाव मिशन और हम खोए हुए लोगों की स्मृति का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।
‘हन्ना केन (रिपब्लिकन पार्टी) मैसाचुसेट्स हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की सदस्य हैं, 11वें वर्सेस्टर जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए उन लोगों के दर्द को याद किया जिन्होंने हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया और कहा कि हमें आतंकवाद से निपटने के लिए भारी सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता है।
चीफ जेम्स एम. वूना ने कहा, “हम समय को उस दुखद दिन के दर्द को कम नहीं होने दे सकते, इसलिए हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि हम उन लोगों की विरासत को याद करें जिन्हें हमने आज से 20 साल पहले खो दिया था।” इस अवसर पर स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारी ने भी अपने विचार रखे।
एफआईए और इंडो-अमेरिकन कम्युनिटी के संस्थापक और अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह के आतंकवादी हमलों के लिए दुनिया के किसी भी कोने में कोई जगह न हो। इस मौके पर भारतीय समुदाय के नेताओं जैसे सुबू कोटा, शिवेंद्र सिंह, मोहन नन्नापनेनी, राज गुप्ता, गौरव दीक्षित और कई अन्य लोगों ने भी हमलों के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी।
अभिषेक सिंह, उदगीथ मांकड़, और राज गुप्ता ने ब्रह्मांड में हर जगह शांति और सद्भाव के लिए संस्कृत में भारतीय वैदिक शांति प्रार्थना और मंत्रों का जाप किया और यह कहकर अपना संबोधन समाप्त किया कि ‘सभी शांति और शांति में हमेशा मौजूद रहें। ओम शांति, शांति, शांति हमें और सभी प्राणियों को!’
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