समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 27सितंबर। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया है। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार के तहत रविवार को कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद समेत सात मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन के गांधी सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में जितिन प्रसाद, पलटू राम, धर्मवीर प्रजापति, छत्रपाल गंगवार, संगीता बलवंत, संजीव कुमार गौड़ और दिनेश खटिक को मंत्री पद की शपथ दिलाई। प्रसाद को कैबिनेट मंत्री जबकि अन्य को राज्य मंत्री पद की शपथ दिलायी गयी।
कैबिनेट विस्तार से भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी सुनिश्चित करने के लिए ओबीसी और एससी/ एसटी श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले जितिन प्रसाद रविवार के विस्तार में जगह पाने वाले अकेले ब्राह्मण नेता हैं, बाकी 6 ओबीसी (तीन) और अनुसूचित जाति (दो) और अनुसूचित जनजाति (एक) के हैं।
रविवार की सूची में एक आश्चर्यजनक चूक पीएमओ के पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा का नाम है, जिन्होंने राजनीति में शामिल होने के लिए इस साल जनवरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वे लखनऊ आए और उन्हें तुरंत यूपी विधान परिषद का सदस्य बना दिया गया था। माना जा रहा था कि उन्हें जल्द ही मंत्रालय में शामिल किया जाएगा और एक महत्वपूर्ण विभाग दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वर्तमान में यूपी कैबिनेट में 53 मंत्री हैं और सात और को संवैधानिक सीमा के अनुसार शामिल किया जा सकता है। 19 मार्च, 2017 को पहली बार मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के बाद से यह तीसरी बार है, जब योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। 21 अगस्त, 2019 को 23 नए मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया गया।
पूर्व में केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री रह चुके जितिन प्रसाद हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार के तहत मंत्री पद दिया जाना तय माना जा रहा था।
बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार में मुख्यमंत्री समेत 23 कैबिनेट मंत्री, नौ स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 21 राज्य मंत्री थे। राज्य विधानसभा में सदस्यों की संख्या 403 होने की वजह से नियमानुसार 60 मंत्री बनाये जा सकते हैं, लेकिन मौजूदा समय में सिर्फ 53 मंत्री थे और सात पद खाली थे जोकि अब भरे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार व फेरबदल के बाद से ही बढ़ गई थी।
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